एनडीटीवी को Securities Appellate Tribunal (सैट) से राहत मिल गई है. सैट ने कंपनी के तीन प्रमोटर, प्रणय रॉय, राधिका रॉय और उनकी होल्डिंग कंपनी को कैपिटल मार्केट से दो साल के लिए प्रतिबंधित करने के सेबी के आदेश को स्थगित कर दिया है.
सैट ने रॉय दंपति और आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड की अपीलों को 16 सितंबर 2019 को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है. सैट ने यह भी निर्देश दिया कि इस दौरान अपील दायर करने वाले लोग एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का प्रयास नहीं कर सकते हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक सैट ने सुनवाई के दौरान कहा कि दो साल तक के लिए प्रणय और राधिका रॉय पर एनडीटीवी में निदेशक या महत्वपूर्ण प्रबंधन स्तरीय पद पर बने रहने की रोक न तो शेयरधारकों के हित में है और न ही एनडीटीवी के निदेशकों के हित में. इसी लिए सैट ने इस आदेश पर रोक लगा दी.
इससे पहले 14 जून को सेबी ने एनडीटीवी के तीन प्रमोटरों को दो साल के लिए कैपिटल मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया था. साथ ही इस अवधि के दौरान प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर कंपनी के बोर्ड में या शीर्ष प्रबंधन स्तर पर बने रहने पर भी रोक लगाई गई थी. रॉय दंपति के किसी अन्य लिस्टेड कंपनी के बोर्ड या प्रबंधन स्तर के पद पर एक साल तक नियुक्ति की भी रोक लगाई गई थी. सेबी ने रॉय दंपत्ति को आरआरपीआर होल्डिंग्स के माइनॉरिटी शेयरधारकों को तीन ऋण करारों के बारे में सूचित न करने पर भी आड़े हाथों लिया था.
इनमें से एक ऋण करार आईसीआईसीआई बैंक के साथ, जबकि दो अन्य विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) के साथ किए गए थे.
दिल्ली की थोक व्यापार कंपनी वीसीपीएल का गठन 2008 में हुआ था. इसका स्वामित्व रिलायंस इंडस्ट्रीज से नहाटा समूह के पास चला गया था. बाद में मुकेश अंबानी की कंपनी ने इसी कंपनी से 2010 में इन्फोटेक ब्रॉडबैंड का अधिग्रहण किया था, जिसके जरिए वह दूरसंचार कारोबार में उतरी थी.
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