स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सोमवार, 15 अगस्त को अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ट लेडिंग रेट (MCLR) को 20 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.20 फीसदी से बढ़ा दिया है. एसबीआई के इस कदम से ईएमआई महंगी होगी.
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक-
ओवरनाइट, एक महीने और तीन महीने तक के लोन की एमसीएलआर रेट को 7.15 फीसदी से बढ़ाकर 7.35 फीसदी कर दिया है.
छह महीनों के लोन की एमसीएलआर रेट को भी 7.45 फीसदी से बढ़ाकर 7.65 फीसदी कर दिया है.
एक साल के रेट को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 7.7 फीसदी कर दिया गया है,
वहीं 2 साल की एमसीएलआर रेट 7.7 फीसदी से बढ़कर 7.9 फीसदी,
और तीन साल की एमसीएलआर की रेट 7.8 फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी हो गई है.
पिछले महीने भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
इसी के साथ एसबीआई ने रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) और एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) को भी 0.50 फीसदी बढ़ाकर 7.65 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत कर दिया है.
बैंक अप्रैल के बाद से ही एमसीएलआर रेट को लगातार बढ़ा रहा है. अप्रैल, मई और जून में बैंक ने 0.10 फीसदी की दर से एमसीएलआर को बढ़ाया था फिर जून में 0.20 फीसदी बढ़ाया था और पांचवीं बार जुलाई में फिर से 0.20 फीसदी बढ़ाया गया है.
अन्य बैंकों ने भी बढ़ाया MCLR
एसबीआई के अलावा कई अन्य बैंकों ने भी ब्याज दरों में इजाफा किया है. दरअसल इस महीने की शुरुआत में ही भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी ताकि महंगाई को नियंत्रण में लाया जा सके. केंद्रीय बैंक ने अप्रैल के बाद से अब तक रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी की है.
इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और यस बैंक जैसे प्रमुख बैंकों ने 0.5 फीसदी से 0.10 फीसदी के बीच एमसीएलआर दरें बढ़ाई हैं.
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