हफ्ते की शुरुआत यानी सोमवार 29 अगस्त को शेयर बाजार ने निवेशकों को झटका दे दिया. BSE का Sexsex शुरुआती कारोबार में 1220 अंक फिसल गया और NSE का Nifty 355 अंक गिरा.
सोमवार को सेंसेक्स 861 अंक या 1.46 फीसदी गिर कर 57,972 पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी50 में 246 अंक या 1.40 फीसदी की गिरावट के बाद यह 17,312 पर बंद हुआ. लेकिन बाजार अचानक इतनी तेजी से क्यों गिरा?
सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,220.76 अंक गिरकर 57,613 पर था, इसके सभी 30 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे. निफ्टी 355 अंक गिरकर 17,203 पर था. दोनों सूचकांक 2% से ज्यादा गिरे. सेंसेक्स में टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और पावर ग्रिड के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज हुई.
Biz2Credit के को फाउंडर रोहित अरोड़ा ने क्विंट को बताया कि, "ऐसी अपेक्षा थी कि अमेरिकी फेड अब धीरे-धीरे ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अमेरिकी फेडलर रिजर्व के चीफ जेरोम पॉवेल के भाषण ने शुक्रवार को ही साफ कर दिया था कि ब्याज दरें तब तक बढ़ाई जाएगी जब तक कि महंगाई 2 फीसदी के आसपास न आ जाए. लोन महंगा होने से कोई सेंसेक्स में निवेशकों की संख्या कम होगी, इसलिए आगे सेंसेक्स अभी और गिरेगा."
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी स्ट्रेटेजी के डायरेक्टर क्रांति बथिनी ने भी यूएस फेड के चीफ के भाषण का हवाल देते हुए कहा कि, "इस वजह से अमेरिकी शेयर बाजार भी शुक्रवार को तेजी से गिरा, Dow Jones में तो 1000 अंकों से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. इसके बाद एशिया के बाजार भी गिरे."
इन नेगेटिव वैश्विक संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली. हलांकि भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता है, इसलिए निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं. अगर आप 3 से 5 साल तक यानी लॉन्ट टर्म के लिए निवेश का सोच रहे हैं तो यह अच्छा अवसर है.क्रांति बथिनी
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