Share Market News: मंथली और वीकली एक्सपायरी वाले दिन गुरुवार 28 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार(Stock Market) में भारी गिरावट देखने को मिली. BSE सेंसेक्स 1158 अंक गिरकर 60,000 के नीचे 59,984 पर बंद हुआ. सेंसेक्स में अप्रैल के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट है. NSE निफ्टी (Nifty) भी 1.94% या 354 अंक की कमजोरी के साथ 17,857 पर क्लोज हुआ. बाजार में हर तरफ भारी बिकवाली देखी गई.
छोटे और मझोले शेयरों में भी बिकवाली का दबाव रहा. निफ्टी स्मॉलकैप 100 और मिडकैप 100 करीब 2% टूटे.
बाजार में गिरावट की क्या रही वजह-
बाजार के महंगे वैल्यूएशन की बात किसी से छिपी नहीं है. रिटेल इन्वेस्टर और बाजार में लिक्विडिटी के बदौलत इस साल अब तक सेंसेक्स और निफ्टी करीब 25% चढ़ चुके हैं.
मार्केट एनालिस्ट विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) द्वारा भारतीय बाजार में लगातार बिकवाली को गिरावट की बड़ी वजह बता रहे हैं. एक्सपेंसिव वैल्यूएशन के कारण मॉर्गन स्टेनले (Morgan Stanley) ने भी भारतीय इक्विटी के रेटिंग को डाउनग्रेड किया.
हम बाजार में पहला बड़ा करेक्शन देख रहे हैं, जहां निफ्टी अपने 20-DMA से नीचे फिसल गया है, जिसने आगे और गिरावट के लिए दरवाजा खोल दिया है, जहां बढ़ता 50-DMA अगला सपोर्ट स्तर होगा जो 17650 के स्तर के आसपास है. उसके भी नीचे 17450-17250 का लेवल इंडेक्स के लिए सपोर्ट जोन होगा.संतोष मीणा, हेड ऑफ रिसर्च, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट
हाई वैल्यूएशन गिरावट की बड़ी वजह-
उन्होंने मार्केट के हाई वैल्यूएशन को गिरावट की मुख्य वजह बताते हुए कहा कि- "बाजार के महँगे मूल्यांकन के अलवा महंगाई और वैश्विक विकास की गति में मंदी अन्य चिंताएँ हैं. कुछ देशों में ताजा कोविड के मामलों में वृद्धि भी निवेशकों के मूड को खराब कर रही है. हम एक स्ट्रक्चरल बुल मार्केट में हैं जहां इंटरमीडिएट करेक्शन इस यात्रा का हिस्सा होंगे और इस प्रकार के करेक्शन के दौरान क्वालिटी स्टॉक्स में खरीदारी के अच्छे अवसर बन सकते हैं."
विश्लेषक मानते हैं कि आगामी दिनों में Paytm, Nykaa और पॉलिसीबाजार कंपनियां अपने आईपीओ के साथ मार्केट में आने वाली है. इसकी वजह से भी लोग आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने के लिए सेकेंडरी मार्केट से पैसा निकालने की सोच सकते हैं.
बाजार के कुछ हिस्सों में हाई वैल्यूएशन के मामले में कुछ उत्साह है. SMC सिक्योरिटीज के सहायक उपाध्यक्ष सौरभ जैन ने कहा, बाजार के कुछ हिस्सों में अभी भी पैसा बनना बाकी है, इसकी वजह से हमें मार्केट में सेक्टरल रोटेशन देखने को मिल सकता है.
निवेशक को सतर्क रहने की जरुरत-
हमें उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा और हमें उम्मीद है कि मार्केट में बिकवाली का दबाव बना रहेगा. हमारा सुझाव है कि निवेशक बाजार को लेकर सतर्क रहें, प्रॉफिटबुकिंग की तलाश करें और 'buy on dip' वाली रणनीति अपनाने से बचें.यश गुप्ता, इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट, Angel One
कोट सोर्स: मिंट
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