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PM मोदी का सिरदर्द दूर, ट्रंप ने दी ईरान से क्रूड इंपोर्ट की छूट

भारत, चीन समेत आठ देशों को अमेरिका ने छूट दी 

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अमेरिका ने भारत को ईरान से तेल खरीदने की छूट दे दी है. भारत के साथ, जापान, दक्षिण कोरिया समेत आठ देशों को यह छूट दी है. चीन के साथ बातचीत चल रही है. बाकी चार देश कौन होंगे यह अभी तय नहीं है. परमाणु समझौते से हटने के आरोप में अमेरिका ने 5 नवंबर को ईरान पर फिर प्रतिबंध लगा दिया था. ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर ब्लूमबर्ग को ये जानकारी दी.

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ईरान को सजा देना चाहता है कि अमेरिका

ट्रंप प्रशासन प्रतिबंध लगा कर ईरान की अर्थव्यवस्था को बरबाद कर देना चाहता है. जिन देशों को ईरान से तेल आयात करने की छूट दी जा रही है उन्हें इसमें लगातार कटौती करने के लिए कहा जा रहा है ताकि इसकी कीमतों में इजाफा न हो सके. शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत के साथ आठ देशों के लिए ईरान से तेल आयात करने में छूट का ऐलान किया.

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ईरानी तेल का सबसे बड़ा आयातक चीन अभी भी अमेरिका के साथ तेल आयात की शर्तों को लेकर सौदेबाजी कर रहा है. अमेरिका ने कहा था कि प्रतिबंधों के बावजूद अगर कोई देश ईरान से तेल आयात करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

भारत, चीन समेत आठ देशों को अमेरिका ने छूट दी 
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत के लिए छूट का ऐलान किया 
फोटो : ब्लूमबर्ग 
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ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर

ईरान इराक और सऊदी अरब के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर है. इसी को देखते हुए भारत चार नवंबर के बाद भी ईरान से कच्च तेल खरीदने का इरादा जारी रखे हुए था. पहले कहा जा रहा था कि अमेरिका भारत के रुख पर उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है लेकिन उसने उसे छूट देने का फैसला किया. इस मामले में ट्रंप की धमकी से पहले दो भारतीय रिफाइनरीज ने ईरान से कच्‍चे तेल के इंपोर्ट के लिए ऑर्डर दिए हैं.

2017-18 के पहले दस महीनों में यानी अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2018 के बीच ईरान से भारत ने 18.4 मिलियन टन कच्चा तेल खरीदा है . अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ईरान, भारत के लिए बेहद जरूरी है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, जुलाई, 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों के बीच न्यूक्लियर समझौता हुआ था. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा ने समझौते के तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के बदले में बैन से राहत दी थी. लेकिन मई, 2018 में ईरान पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ये समझौता तोड़ दिया.

ट्रंप ने ईरान में कारोबार कर रही विदेशी कंपनियों को निवेश बंद करने के लिए कहा. अमेरिका ने भारी जुर्माने की भी धमकी दी और ईरान से कच्चे तेल की खरीदने वाले देशों को 4 नवंबर तक इम्पोर्ट बंद करने को कहा,

इनपुट : ब्लूमबर्ग

ये भी पढ़ें :रान से तेल आयात पर अमेरिका की धमकी,भारत के जवाब के क्या हैं मायने

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