मल्टीप्लेक्स में पॉपकॉर्न 250 रुपए और पेटिस 100 रुपए का क्यों मिलता है? मल्टीप्लेक्स में महंगे फूड आइटम से हाईकोर्ट के जज भी परेशान हैं, इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने पॉपकॉर्न, पेटिस, केक जैसे फूड आइटम के दाम तय करने के बारे में कमेटी बनाने का फैसला कर लिया है.
जानकारों के मुताबिक महंगे फूड आइटम मल्टीप्लेक्स की कमाई का बड़ा जरिया हैं. वो समोसा से पॉपकॉर्न और कोला से मिल्कशेक तक हर सामान में मोटा पैसा बनाते हैं.
लेकिन मल्टीप्लेक्स की इस कमाई पर कोर्ट की नजर है. पीटीआई के मुताबिक बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिनेमाहाल में अनाप-शनाप कीमतों पर फूड आइटम के खिलाफ याचिका सुनवाई के लिए मंजूर कर ली है. जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने कीमतों को कंट्रोल करने लिए पॉलिसी बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
मल्टीप्लेक्स की मोटी कमाई पर खतरा
मल्टीप्लेक्स की फिक्र इसलिए बढ़ रही है कि सबसे ज्यादा कमाई वाले राज्य महाराष्ट्र में अगर कीमतों में लगाम लग गई तो दूसरे राज्य भी ऐसा कर सकते हैं.
दो सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन पीवीआर और आइनॉक्स की सालाना कमाई का 25 परसेंट फूड आइटम से ही आता है. अगर दाम में कंट्रोल हुआ तो ये कमाई खतरे में पड़ जाएगी. हालांकि इसका फायदा दर्शकों को होगा कि उनकी जेब हल्की होने से बच जाएगी.
ब्रोकरेज हाउस कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक भारत ही नहीं ग्लोबल स्तर पर फूड आइटम मल्टीप्लेक्स की कमाई का बड़ा हिस्सा हैं.
दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस एस एम केमकर और जस्टिस कार्णिक की बेंच एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है. इसमें शिकायत की गई है कि मूवी थिएटर के अंदर फूड आइटम और पानी की बोतल के दाम बहुत ज्यादा होते हैं.
मल्टीप्लेक्स के अंदर खाने-पीने की चीजों के दाम वाकई में बहुत ज्यादा होते हैं. हमने खुद महसूस किया है. मल्टीप्लेक्स को सारी चीजें वाजिब दाम में बेचनी चाहिए.जस्टिस केमकर, बॉम्बे हाईकोर्ट के जज (पीटीआई)
महाराष्ट्र सरकार नियम बनाएगी
मल्टीप्लेक्स पर फूड आइटम के दाम पर सरकार नीति बनाने को तैयार हो गई है. इस बारे में जल्द ही ब्यौरा सामने आने की उम्मीद है.
कोटक ब्रोकरेज के मुताबिक मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन इस बारे में सरकार से चर्चा करेगी. लेकिन अगर हाईकोर्ट दाम तय करने के बारे में कोई आदेश देता है तो एसोसिएशन उस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील करेगी.
पीवीआर मल्टीप्लेक्स के सीएफओ नितिन सूद ने ब्लूमबर्ग क्विंट को बताया कि कोर्ट के आदेश को पूरी तरह पढ़ने के बाद ही इस बारे में कोई बयान देंगे.
लेकिन दूसरे मल्टीप्लेक्स कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक थिएटर के अंदर खाने-पीने की चीजों के दाम तय करने का उन्हें हक है.
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