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रेपो रेट कटौती से शेयर बाजार खुश नहीं, आगे क्या होगा? 

बाजार निराश है लेकिन इकोनॉमी को लेकर सरकार की कोशिश से इसमें रफ्तार आ सकती है

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रेपो रेट में कटौती से शेयर बाजार में रफ्तार आने की उम्मीद थी लेकिन पॉलिसी रेट के ऐलान के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटाने से यह निराश हो गया. एक ही दिन में सेंसेक्स में 550 प्वाइंट की गिरावट आ गई. यह 2019 में एक दिन की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.

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आधे-अधूरे कोशिश से बाजार में मायूसी

दरअसल, जीडीपी ग्रोथ रेट के घटे अनुमान ने बाजार की चिंता बढ़ा दी है. रेपो रेट में कटौती के अलावा बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने के अलावा और कुछ नहीं किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार पहले से ही 0.25 फीसदी की कटौती मान कर चल रहा था. इसलिए बाजार ने इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दिखाई. उल्टे ग्रोथ रेट के घटे अनुमानों ने बाजार को गिरा दिया. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के ग्रोथ रेट अनुमान को 7.2 फीसदी से घटा कर 7 फीसदी कर दिया है. इसने बाजार को काफी निराश किया.

गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सेंसेक्स 554 प्वाइंट गिर कर 39530 पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 178 प्वाइंट घट कर 11,844 पर आ गया.सबसे ज्यादा निराश किया बैंक शेयरों ने. बैंक इस समय लिक्वडिटी संकट में हैं. उन्हें रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती से भारी निराशा हुई. सरकारी बैंक इंडेक्स तो पांच फीसदी तक गिर गए. प्राइवेट बैंक इंडेक्स सवा दो फीसदी तक गिर गया

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रेपो रेट कटौती के बावजूद बाजार निराश क्यों

  • ग्रोथ रेट में कटौती से बाजार हुआ निराश
  • लिक्विडिटी के मोर्चे पर आरबीआई ने ज्यादा कुछ नहीं किया
  • चौथाई फीसदी कटौती का पहले से अनुमान इसलिए ज्यादा जोश नहीं
  • बाजार को बड़ी रेट कटौती की थी उम्मीद जो पूरी नहीं हुई
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आगे क्या होगा?

शुक्रवार को जब शेयर बाजार खुलेगा तो पता चलेगा कि बाजार की यह निराशा कितने दिन तक रहती है. वैसे अगले कुछ दिनों में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने केलिए सरकार की कोशिश से बाजार को रफ्तार मिल सकती है. पीएम ने इसके लिए मंत्रियों की जो कमेटी बनाई है उसका बाजार पर सकारात्मक असर दिख सकता है.

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