वर्ल्ड बैंक ने अनुमान लगाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष में 3.2 फीसदी सिकुड़ेगी. वर्ल्ड बैंक की जिस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है, उसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जो कड़े उपाय किए गए उससे अल्पकालिक गतिविधियां बहुत सीमित हो गईं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि वित्त वर्ष 2019-20 में अनुमानित 4.2 फीसदी रही, अनुमान है कि 2020-21 में यह इकनॉमी COVID-19 के असर के चलते 3.2 फीसदी सुकड़ेगी.
वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि भारत सरकार के राजकोषीय प्रोत्साहनों और रिजर्व बैंक की तरफ से लगातार कर्ज सस्ता रखने की नीति के बावजूद बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र पर दबाव और ग्लोबल इकनॉमी के सामने संकट का भी भारत पर असर पड़ेगा.
वर्ल्ड बैंक की ग्लोबल इकनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में भारत की वृद्धि के अनुमान में पहले के अनुमानों की तुलना में नौ फीसदी की भारी कमी की गई है. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की इकनॉमी अगले साल फिर उछलकर पटरी पर वापस आ जाएगी.
फिच रेटिंग और एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में चार से पांच फीसदी के बीच संकुचन का अनुमान लगाया है.
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