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इनकम टैक्स के नए नियम लागू, दो हिस्सों में बांटे जाएंगे PF खाते

सरकार सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक के कर्मचारी योगदान से हुई ब्याज की कमाई पर टैक्स लगाएगी

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केंद्र सरकार ने नए इनकम टैक्स नियमों को नोटिफाई कर दिया है, जिसके तहत मौजूदा भविष्य निधि (PF) खातों को दो अलग-अलग खातों में विभाजित किया जाएगा. सरकार इसकी मदद से सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक के कर्मचारी योगदान (Employee Contributions) से हुई ब्याज की कमाई पर टैक्स लगा सकेगी.

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नियम जारी किए हैं. इनकम टैक्स (25वां संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार PF खाते के भीतर अलग खाते बनाए जाएंगे. इसके बाद, सभी मौजूदा कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों को टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन अकाउंट्स में बांटा जाएगा. CBDT के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 31 मार्च 2021 तक किसी भी कंट्रीब्यूशन पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के बाद PF खातों पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उसकी गणना अलग-अलग की जाएगी.

सरकार ने 2021 के फाइनेंस एक्ट में एक नया प्रावधान पेश किया था जो सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर PF खाते में अर्जित ब्याज को कर योग्य (टैक्सेबल) बनाता है. यह केवल 1 अप्रैल 2021 से किए गए योगदान पर लागू होता है.

EPFO में EPF खातों वाले 24.77 करोड़ सदस्य हैं, जिनमें से 14.36 करोड़ सदस्यों को 31 मार्च, 2020 तक विशिष्ट खाता संख्या (UAN) आवंटित किया गया था. इनमें से लगभग 5 करोड़ सदस्य 2019-20 के दौरान अपने EPF खातों में नियमित तौर पर बचत जमा (एक्टिव कंट्रीब्यूटर्स) थे.

सरकारी अनुमान के अनुसार, लगभग 1,23,000 उच्च आय वाले कर्मचारी अपने भविष्य निधि खातों से औसतन टैक्स मुक्त ब्याज में सालाना 50 लाख रुपये से अधिक कमा रहे हैं. यही कारण है कि सरकार उन पर टैक्स लगाने के लिए नए नियम लागू कर रही है.

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