ईपीएफओ के पांच करोड़ सदस्य यानी पीएफ में योगदान करने वाले सब्सक्राइबर्स शेयरों में निवेश को बढ़ाने या घटाने का विकल्प मिल सकता है. पीएफ सब्सक्राइवर्स ईटीएफ के जरिये शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. ईपीएफओ की योजना तीन महीने में ईटीएफ निवेश को पीएफ खाते में जमा करने की सुविधा देने की है.
ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वी .पी . जॉय ने बताया
हमें खाताधारकों को उनका ईटीएफ निवेश पीएफ खाते में ट्रांसफर करने की सहूलियत देने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करना होगा. इसमें दो से तीन महीने का समय लग सकता है. एक बार ऐसा कर लेने के बाद हम अगले चरण में जाएंगे जिसके तहत सब्सक्राइबर्स को शेयर बाजारों में निवेश घटाने - बढ़ाने की सुविधा मिलेगी.
इक्विटी में 15 फीसदी निवेश की मंजूरी
ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय इकाई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने खाताधारकों को शेयर निवेश की मौजूदा 15 फीसदी की अनिवार्य सीमा से अधिक या कम निवेश की सुविधा उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशने की पिछले सप्ताह मंजूरी दी थी. ईपीएफओ ने अगस्त 2015 में ईटीएफ में निवेश की शुरुआत की थी. वर्ष 2015-16 में उसने अपने निवेश योग्य जमा पूंजी का पांच फीसदी निवेश किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 2016-17 में दस फीसदी और 2017- 18 में 15 फीसदी कर दिया गया.
ईपीएफओ ने ईटीएफ में अब तक कुल 41,967.51 करोड़ रुपये का निवेश किया जिस पर 28 फरवरी 2018 को 17.23 प्रतिशत का रिटर्न हासिल हुआ. इस साल मार्च में संगठन ने 2,500 करोड़ रुपये के ईटीएफ बाजार में बेचे. ईटीएफ में निवेश के बाद ऐसा पहली बार किया गया.
पिछले साल सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने सदस्यों के कैश कंपोनेंट के अलावा ईटीएफ में क्रेडिट करने की अकाउंटिंग पॉलिसी को मंजूरी दी थी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने ईपीएफओ की एडवाइजरी बॉडी की उस सिफारिश को भी मंजूरी दे दी थी जिसमें कहा गया था कि सब्सक्राइबर्स को उनके पीएफ योगदान के 15 फीसदी निवेश के बराबर ही शेयर दिए जाएं.
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