अब अगर कोई बैंक डूब जाता है या उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है तो इस स्थिति में 90 दिन के भीतर 5 लाख तक की बीमा रकम बैंक ग्राहकों को मिलेगी. पहले ये बीमा की रकम 1 लाख रुपए थी. जिसे अब बढ़ा दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार 28 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी है. अब बैंक के डूबने या विफल होने की स्थिति में बैंक के ग्राहकों को 5 लाख रुपये 90 दिन के भीतर दिए जाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक के तहत सभी बैंक ग्राहकों का बीमा होगा. यह सभी बैंकों को कवर करता है. यहां तक कि जिन विदेशी बैंकों की शाखाएं भारत में चल रही हैं उनको भी.
DICGC के तहत बीमा राशि को पांच गुना बढ़ाया गया है. पहले बैंक डूबने या उसका लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में ग्राहकों को 1 लाख बीमा के रूप में दिए जाते थे. लेकिन अब इसे 5 लाख कर दिया गया है.
केंद्रीय कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के बाद जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3% बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे.
5 लाख से ज्यादा डूबे तो क्या होगी बीमा की रकम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर ग्राहक की डिपॉजिट राशि 5 लाख से अधिक होगी तो भी बीमा राशि में उसे 5 लाख ही मिलेंगे.
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