कॉल ड्रॉप पर मोबाइल ऑपरेटर्स कंपनियों के ग्राहक अब उन्हें सबक सिखा सकेंगे. दूरसंचार मंत्रालय मोबाइल सर्विस कंपनियों के लिए एक रैंकिंग सिस्टम लाने जा रही है. अब कस्टमर्स नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की सर्विस की क्वालिटी पर उनकी रैंकिंग कर सकेंगे. इससे खराब सेवा देने वाली कंपनियों का नाम सार्वजनिक तौर पर जाहिर हो जाएगा.
‘सरकार नहीं है संतुष्ट’
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने ‘मिंट’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स कंपनियां अभी जिस तरह की सर्विस दे रही हैं उससे सरकार संतुष्ट नहीं है. वह कंपनियों को सर्विस क्वालिटी जल्द से जल्द सुधारने का साफ संकेत देगी.
सरकार का कहना है कि कॉल ड्रॉप के मामले छिटपुट नहीं हैं. यह समस्या काफी बढ़ गई है. कंपनियों को इसे ठीक करना होगा. कस्टमर को बढ़िया सर्विस देना उनका पहला काम है. उन्हें कस्टमर को भरोसेमंद सर्विस की गारंटी देनी पड़ेगी.
कॉल ड्रॉप अब रहेगी कड़ी नजर
सुंदरराजन कहती हैं, इस बारे में हम टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ पहली मीटिंग करने जा रहे हैं और इसमें उन्हें साफ संकेत दे दिया जाएगा कि सर्विस की क्वालिटी पर अब हमारी कड़ी नजर रहेगी. सुंदरराजन के मुताबिक सर्विस क्वालिटी पर नजर रखना ट्राई का काम है लेकिन दूरसंचार विभाग को भी कस्टमर की जरूरतों के प्रति जवाबदेह होना होगा.
उन्होंने कहा, हम एक ऐसे रैंकिंग सिस्टम की संभावना तलाश रहे हैं, जिसमें कंज्यूमर कंपनियों को सर्विस क्वालिटी के हिसाब से रैंक कर सकें. साथ ही कंज्यूमर्स की शिकायतों को टेलीकॉम कंपनियों तक पहुंचाया जा सके.
चार गुना पेनाल्टी पर हो रहा विचार
दूरसंचार सचिव ने कहा कि रैंकिंग के पैमाने तय किए जा रहे हैं लेकिन हम चाहेंगे कि कस्टमर्स भी कंपनियों को सर्विस की क्वालिटी के आधार पर रैंक कर सकें. जब कस्टमर्स उनकी रैंकिंग करेंगे तो बदनामी के डर से वे सर्विस क्वालिटी बेहतर करने की कोशिश करेंगी.
सरकार नियम तोड़ने पर पेनाल्टी को चार गुना करने पर भी विचार कर रही है. कंपनियां यह न सोचें कि ट्राई या सरकार पेनाल्टी नहीं बढ़ा सकती.
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