नए साल में देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से अच्छी खबर आई. बैंक ने लोन की दर में 30 बेसिस प्वाइंट यानी 0.3 फीसदी की कटौती की है. खबरों के मुताबिक इससे 80 लाख लोगों को फायदा होगा.
लेकिन फाइनप्रिंट देखेंगे तो पता चलेगा कि इसका फायदा एसबीआई से लोन लेने वालों के एक छोटे से समूह को भी ही होगा. अनुमान के मुताबिक एसबीआई के ग्राहकों का 25 फीसदी से कम. बैंक से लोन देने का दो सिस्टम है- एक बेस रेट वाला और दूसरा एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लैंडिंग रेट्स).
- SBI के रेट कट का फायदा 25 फीसदी ग्राहकों को
- एमसीएलआर सिस्टम से जिन्होंने लोन लिया है उनकी ईएमआई पर कोई असर नहीं
- ताजा कट बेस रेट और एमसीएलआर में गैप को कम करने की कोशिश
- एमसीएलआर में कटौती की फिलहाल संभावना कम
अप्रैल 2016 से लागू है एमसीएलआर
एमसीएलआर सिस्टम अप्रैल 2016 से लागू है और सारे ग्राहकों को ऑप्शन दिया गया कि इसमें स्विच हो जाए. फिलहाल इस सिस्टम के तहत लोन सबसे सस्ता है. एमसीएलआर सिस्टम में होन लोन पर सबसे आकर्षक रेट फिलहाल 8.35 फीसदी का है. दूसरा सिस्टम बेस रेट वाला है. इसके तहत कटौती के बाद होन लोन की दर होगी 8.75 से 8.80 फीसदी.
बैंक के ताजा फैसले से उन ग्राहकों को फायदा होगा जो काफी समय से महंगे लोन दर वाले सिस्टम में थे. बैंक ने कहा भी कि चूंकि बैंक के बेस रेट और एमसीएल आर में काफी गैप बढ़ गया था, ताजा फैसले से उसी गैप को कम करने की कोशिश की गई है.
फायदा नहीं है सभी के लिए
ऐसे में अगर आप स्टेट बैंक से लोन लेने जा रहे हैं एमसीएलआर सिस्टम को अपनाते हैं तो ताजा कटौती का आप पर कोई असर नहीं होगा. एमसीएलआर सिस्टम को पहले से अपनाने वालों पर भी ताजा फैसला का कोई असर नहीं होगा. मतलब यह है कि एसबीआई के ताजा फैसले का फायदा बैंक के 75 फीसदी ग्राहकों के लिए नहीं है.
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