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खाली पड़े घर को ‘होटल’ बनाकर करें मोटी कमाई 

Oyo के इन ‘मिनी होटल रूम’ में सामान्य होटलों जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी

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अगर आप अपने खाली पड़े घर के लिए भरोसेमंद किरायेदार ढूंढ रहे हैं, तो आपकी तलाश बहुत जल्दी पूरी हो सकती है. जाना-माना होटल स्टार्टअप ओयो रूम्स आपके घर के लिए किरायेदार बन सकता है. दरअसल ओयो अपने बिजनेस को फैलाने के लिए अब रेसिडेंशियल यूनिट का सहारा लेने जा रहा है. कंपनी की योजना लोगों के खाली पड़े फ्लैट को किराये पर लेकर उन्हें ‘मिनी होटल रूम’ में बदल देने की है, जिसे ग्राहकों को ठहरने के लिए दिया जा सके.

ओयो के इन ‘मिनी होटल रूम’ में भी सामान्य होटलों जैसी ही सुविधाएं मिलेंगी. सभी कमरों में वाई-फाई कनेक्शन, एसी, फ्लैट स्क्रीन टीवी और फर्निश्ड किचन होंगे. हालांकि इन घरों में होटल की तरह नाश्ता नहीं मिलेगा. इनमें ठहरने वाले मेहमान किचन में मौजूद सामानों की मदद से अपनी पसंद से नाश्ता बना सकेंगे, या फिर बाहर से मंगाकर खा सकेंगे.

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एयरबीएनबी की टक्कर में ओयो रूम्स की योजना

ओयो की ये योजना निश्चित रूप से उन लोगों के लिए लुभावनी है जो अपने खाली पड़े फ्लैट को किराये पर देकर अच्छी कमाई करना चाहते हैं. फिलहाल ओयो रूम्स ने गोवा से इस स्कीम की शुरुआत की है और इसे धीरे-धीरे पूरे देश में फैलाया जाएगा. दरअसल ओयो की ये योजना टूरिज्म इंडस्ट्री में पॉपुलर बेड एंड ब्रेकफास्ट स्कीम के जैसी है, और इसका मकसद हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एयरबीएनबी को टक्कर देना है.

एयरबीएनबी अपनी वेबसाइट और ऐप के जरिए पूरी दुनिया में बेड एंड ब्रेकफास्ट स्कीम के तहत सैलानियों को ठहरने के लिए कमरे उपलब्ध कराती है. हाल के सालों में ये इस सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी है.

ये रूम मालिकों और ट्रैवलर को एक कॉमन प्लेटफॉर्म देती है जिसके लिए एक सर्विस फीस भी चार्ज करती है.

पर्यटन मंत्रालय भी देता है बीएनबी को बढ़ावा

ये तो बात हुई ओयो रूम्स और एयरबीएनबी जैसी प्राइवेट कंपनियों की, लेकिन देश के पर्यटन मंत्रालय ने भी बेड एंड ब्रेकफास्ट स्कीम को बढ़ावा देने की योजना शुरू कर रखी है. इसमें शामिल होने की इच्छा रखने वाले घर मालिकों को तय दिशा-निर्देशों को पूरा करना पड़ता है. घर या फ्लैट में मिलने वाली सुविधाओं के मुताबिक उन्हें गोल्ड या सिल्वर रेटिंग दी जाती है. खास बात ये है कि इस योजना में शामिल हुए लोगों के फ्लैट या घर पर उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स, वॉटर या इलेक्ट्रिसिटी के बिल रेसिडेंशियल यूनिट के ही मुताबिक देने होते हैं, कमर्शियल यूनिट के मुताबिक नहीं.

किराये पर घर देने के पहले जीएसटी को ना भूलें

ओयो रूम्स और एयरबीएनबी के साथ रजिस्टर्ड होने पर आपको हाउस टैक्स या यूटिलिटी बिल किस दर से चुकाना होगा, इसके बारे में आपको पहले से जानकारी ले लेनी चाहिए. हर राज्य में बीएनबी स्कीम की टैक्सेशन पॉलिसी में अंतर भी हो सकता है, इसलिए पहले से पता लगा लें कि किस तरह के टैक्स देने होंगे और कौन से टैक्स की छूट मिलेगी.

टैक्स जानकारों का मानना है कि जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी बीएनबी स्कीम के साथ जुड़ने वाले लोगों को जीएसटी नेटवर्क में अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करा लेना चाहिए.

इसकी वजह ये है कि जैसे ही आप अपना घर या फ्लैट कमर्शियल इस्तेमाल के लिए देते हैं, उससे होने वाली इनकम बिजनेस इनकम हो जाती है.

रेंटल इनकम पर क्या है जीएसटी का नियम

वैसे तो रेसिडेंशियल यूनिट का कमर्शियल इस्तेमाल करने पर सालाना 20 लाख रुपए तक की कमाई करने वाले लोगों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन अगर आप ई-कॉमर्स से जुड़े हैं तो फिर जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. ओयो रूम्स या एयरबीएनबी जैसी कंपनियां इंटरनेट या मोबाइल ऐप्स के जरिए ही बिजनेस जेनरेट करती हैं, इसलिए इनके साथ जुड़ने पर आप भी ई-कॉमर्स के दायरे में आ जाएंगे. इस वजह से आपको जीएसटी नेटवर्क में अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अपने ग्राहकों से जीएसटी लेकर उसे जमा भी कराना होगा. साथ ही होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स तो देना ही होगा.

तो बस, टैक्स संबंधित इन नियमों का ख्याल रखें, औपचारिकताएं पूरी करें, और अपने घर को होटल में तब्दील कराकर रेंटल इनकम कमाने की शुरुआत कर दें.

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