ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोरोना वैक्सीन से सीरम इंस्टीट्यूट कमा सकता है ₹290 अरब: रिपोर्ट

3 महीनों में कंपनी ने करीब 80 देशों में 70 मिलियन कोरोना वैक्सीन की सप्लाई करते हुए $250 मिलियन की कमाई कर ली है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पुणे स्थित दुनिया की सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया 2022 तक अपनी कोरोना वैक्सीन डील के जरिए 4 बिलियन डॉलर (290 अरब रुपये) तक की कमाई कर सकती है. सीरम इंस्टीट्यूट को उम्मीद है कि कंपनी ने कोरोना संकट के दौरान वैक्सीन के रिसर्च और डेवलपमेंट पर जो खर्च किया, कंपनी को उससे फायदा होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन की लिस्टेड प्राइस और मंजूरी मिलने की तारीखों को अगर देखें तो सीरम इंस्टीट्यूट 2021 के आखिर तक ही करीब $1 बिलियन (7300 करोड़ रुपये) की कमाई कर सकती है. वहीं कंपनी को कोरोना वैक्सीन की सभी डील्स से मिलाकर करीब 4 बिलियन डॉलर (290 अरब रुपये) की कमाई हो सकती है.

पिछले 3 महीनों में कंपनी ने करीब 80 देशों में 70 मिलियन कोरोना वैक्सीन की सप्लाई करते हुए $250 मिलियन की कमाई कर ली है. एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के साथ करार करते हुए कंपनी करीब 300 करोड़ कोरोना डोज की बिक्री कर सकती है.

दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन कोविशील्ड

UNICEF के कोरोना वैक्सीन पर पर दायर किए गए दस्तावेज के मुताबिक SII/AZ की वैक्सीन दुनिया में सबसे सस्ती हैं. वहीं चीन में तैयार की गई सिनोफॉर्म की वैक्सीन सबसे महंगी वैक्सीन है.

भारत में लोग कोरोना वैक्सीन के लिए सबसे कम भुगतान (करीब डेढ़ सौ रुपये प्रति डोज) दे रहे हैं. कंपनी के बहीखाते के हाल-चाल पर इकनॉमिक टाइम्स के सवालों का सीरम इंस्टीट्यू ऑफ इंडिया ने जवाब नहीं दिया.

कोरोना वैक्सीन बनी सबसे ज्यादा कमाई वाला फार्मा प्रोडक्ट

कोरोना वैक्सीन सबसे ज्यादा कमाई कराने वाला फार्मा प्रोडक्ट बन गई है. हर देश चाहता है कि उसके नागरिकों को पहले कोरोना वैक्सीन लगे. वैक्सीन बनाने वाली कई सारी कंपनियां जैसे एस्ट्राजेनेका, गैमेलिया इंस्टीट्यूट, फाइजर, मॉडर्ना कई देशों से वैक्सीन सप्लाई को लेकर द्विपक्षीय डील कर रही है.

SII ने रिस्क लेकर पहले ही वैक्सीन की थीं स्टॉक

सीरम इंस्टीट्यूट ने उसकी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के पहले ही रिस्क उठाते हुए बड़ी तादाद में कोरोना वैक्सीन स्टोर करके रख ली थीं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×