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थोक के बाद अब रिटेल मंहगाई भी बढ़ी, तेल की बढ़ती कीमतों का असर

खाद्य महंगाई 1.96% से उछाल मारकर 5.01% के स्तरों पर पहुंच गई है.

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आम आदमी की जेब पर जो महंगाई की मार पड़ रही है अब आंकड़े भी उसकी तस्दीक कर रहे हैं. मई में रिटेल महंगाई दर 6.30% के स्तरों पर रही है. वहीं अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.23% के स्तरों पर थी. महंगाई बढ़ने में सबसे ज्यादा योगदान तेल की बढ़ती कीमतों और खाद्य महंगाई का रहा है. खाद्य महंगाई 1.96% से उछाल मारकर 5.01% के स्तरों पर पहुंच गई है.

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  • मई खाद्य महंगाई 1.96% से बढ़कर 5.01%

  • दालों की महंगाई 7.51% से बढ़कर 9.39%

  • फ्यूल-बिजली महंगाई 7.91% से बढ़कर 11.58%

थोक महंगाई रिकॉर्ड ऊंचाई पर

इसके पहले दोपहर में थोक महंगाई दर के आंकड़े आए. थोक महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 फीसदी पर पहुंच गई. लो बेस इफैक्ट के चलते भी मई 2021 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर तेजी से बढ़ी. मई 2020 में इसका आंकड़ा (-) 3.37 फीसदी था. यह लगातार पांचवां महीना है, जब डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर बढ़ी है. अप्रैल 2021 में इसका आंकड़ा 10.49 फीसदी हो गया था.

बता दें कि आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा और कहा कि वो वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक उदार नीति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

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