अगस्त के रिटेल महंगाई के आंकड़े अभी भी RBI की 6% की लिमिट से ज्यादा हैं. 14 सितंबर को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में खुदरा महंगाई 6.69% पर रही है. वहीं जुलाई में ये 6.73% पर थी. मतलब महंगाई करीब-करीब स्थिर रही है. खास बात ये है कि अर्थशास्त्रियों के अनुमान से ये महंगाई का आंकड़ा थोड़ा बेहतर आया है. रिटेल महंगाई का पैमाना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) होता है. जिसके आंकड़े हर महीने जारी होते हैं.
वहीं अगस्त में रिटेल कोर महंगाई 5.7% से बढ़कर 5.8% हो गई है. सरकार ने इसके पहले जून के CPI डेटा को रिवाइज करते हुए 6.23% कर दिया था. सरकार ने अप्रैल और मई महीने के लिए महंगाई के आंकड़े जारी नहीं किए थे. रि
रिटेल कोर महंगाई 5.7% से बढ़कर 5.8% (MoM)
सब्जियों की महंगाई 11.29% से बढ़कर 11.41%(MoM)
फ्यूल और लाइट की महंगाई 2.8% से बढ़कर 3.10% (MoM)
घरों की महंगाई 3.25% से घटकर 3.10% (MoM)
कपड़ों और फुटवेयर की महंगाई 2.91% से घटकर 2.77% (MoM)
अनाजों की की महंगाई 6.96% से घटकर 5.92% (MoM)
दालों की महंगाई 15.92% से घटकर 14.44% (MoM)
RBI की लिमिट से ज्यादा महंगाई
टेल महंगाई रिजर्व बैंक की अधिकतम महंगाई की सीमा 6% के ऊपर बना हुआ है. सरकार ने सेंट्रल बैंक से कहा है कि वो महंगाई को 4% तक रोके, इसमें 2% का मार्जिन रखा जा सकता है. महंगाई का 6% से ज्यादा होना इस सीमा का उल्लंघन है.
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