शुक्रवार, 21 जनवरी को अमेरिका के टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में आए सेलऑफ की वजह से क्रिप्टोकरेंसी में एक बार फिर से गिरावट दर्ज की गई है. इसके बाद भारत के क्रिप्टो इन्वेस्टर्स बहुत परेशान हैं. पिछले साल क्रिप्टो बैंडवैगन में उछाल आने से क्रिप्टो करेंसी में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक क्रिप्टो में आए नए क्रैश की वजह से करीब 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.
कई क्रिप्टो इन्वेस्टर्स घबरा रहे हैं, क्योंकि पिछले कुछ दिनों में एसेट क्लास में अस्थिरता नजर आई है, जिसके बाद पोर्टफोलियो वैल्यू में तेजी से गिरावट दर्ज की गई.
क्या है गिरावट की वजह?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को पूरी दुनिया में बड़ा नुकसान हुआ है. यह गिरावट महंगाई दर, लिक्विडिटी और US फेडरल रिजर्व के द्वारा लिए जाने वाले अगले स्टेप को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के कारण है.
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक क्रिप्टो की वैल्यू में गिरावट का प्रमुख कारण रूस के सेन्ट्रल बैंक द्वारा देश में इसकी माइनिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव है. गौरतलब है कि गुरुवार, 20 जनवरी को रूस के सेन्ट्रल बैंक ने फाइनेंसियल स्थिरता, नागरिकों की भलाई और इससे संबंधित मौद्रिक नीति को संप्रभुता के लिए खतरा बताते हुए रूस में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग और माइनिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया है.
रूस का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा सकता है.
पिछले 24 घंटों के दौरान क्रिप्टोकरेंसी की प्राइस का परफॉर्मेंस
बिटक्वाइन- 35,572 डॉलर (-8.46)
इथेरियम- 2447.95 डॉलर (-14.59%)
बाइनेन्स क्वाइन- 343.48 डॉलर (-17.37%)
सोलाना- 98.02 डॉलर (-20.55)
कारडानो- 1.02 डॉलर (-17.39%)
पोलकाडॉट-18.69 डॉलर (-16.79%)
Avalanche – 58.17 डॉलर (-23.63)
शीबा इनु - .00001920 (25.58)
मैटिक – 1.54 डॉलर (-18.23)
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