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IT रिटर्न फाइलिंग बढ़ी,लेकिन डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन की रफ्तार धीमी

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े कुछ ज्यादा खुश करने वाले नहीं हैं

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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की तादाद बढ़ने से सरकार उत्साहित है, लेकिन डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े कुछ ज्यादा खुश करने वाले नहीं हैं. CGA ने जो शुक्रवार को आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक इस फाइनेंशियल ईयर में अप्रैल-जुलाई के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 6.6% का ही इजाफा हुआ है. जबकि सरकार ने बजट में 2018-19 फाइनेंशियल ईयर के लिए 14.4% की ग्रोथ का टारगेट रखा है.

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बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी अवधि में पिछले 3 साल की तुलना में ये बढ़ोतरी सबसे कम रही है.

कॉरपोरेशन टैक्स के आंकड़े फिक्र और बढ़ाने वाले हैं. इसके कलेक्शन में महज 0.57% का इजाफा हुआ है. अगर पिछले 7 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो ये फाइनेंशियल ईयर के शुरुआती 4 महीनों की सबसे कम बढ़ोतरी है.

अप्रैल-जुलाई में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में 11.3% की बढोतरी हुई है. फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में इसके 19.8% से बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया था. इनकम टैक्स कलेक्शन में इस तरह के धीमे इजाफे के पीछे रिफंड की एक बड़ी वजह हो सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट ने इस फाइनेंशियल ईयर के शुरुआती 4 महीने में 750 अरब रुपये रिफंड किए हैं, जो फाइनेंशियल ईयर 2018 के कुल रिफंड का आधा है. यानी जितना रिफंड पिछले पूरे साल में किया गया था, उसका आधा इस साल शुरुआती 4 महीने में ही कर दिया गया.

जीएसटी का क्या है हाल?

जीएसटी में अगस्त महीने में गिरावट देखने को मिली है. अगस्त में कुल कलेक्शन 93,960 करोड़ रुपये रह गया, जबकि जुलाई में ये 96,483 करोड़ रुपये और जून में 95,610 करोड़ रुपये था.

मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस गिरावट की वजह जीएसटी दरों में कमी है. 21 जुलाई को जीएसटी काउंसिल ने टैक्स रेट में कमी की थी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दाम घटने की उम्मीद में बाजार में उनकी बिक्री कम हो गई हो, जिससे राजस्व वसूली पर असर हुआ होगा.

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