दिवाली आने ही वाली है और इस बार नवंबर की शुरुआत में ही ये प्रकाश-पर्व पूरे देश में मनाया जाएगा. इसका फायदा ये हुआ है कि ज्यादातर लोगों को पिछले महीने की तनख्वाह तो मिल ही गई है, साथ ही दिवाली बोनस भी महीने की शुरुआत में मिल गया है. जब दिवाली की बात हो, तो सोना यानी गोल्ड को कैसे भूल सकते हैं.
दिवाली की शुरुआत हो जाती है धनतेरस से, जिस दिन सोना, चांदी या धातु खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए ज्यादातर लोगों की कोशिश होती है कि वो धनतेरस को कम से कम शगुन के तौर पर सोना जरूर खरीदें.
इस बार सोने की कीमत लगातार ऊंची चल रही है. दरअसल, पिछले 6 हफ्ते से सोने ने लगातार मजबूती दिखाई और वो फिलहाल 6 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. शुक्रवार को इसके भाव 32,780 रुपए प्रति दस ग्राम को छू गए थे. ये 29 नवंबर 2012 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है, जिस दिन सोने के भाव 32,940 रुपए थे.
भावों में ये तेजी त्योहारी खरीद के चलते ही आई है और धनतेरस को मोटे तौर पर ये इसी स्तर पर रहने की उम्मीद है.
पिछले साल धनतेरस के दौरान 10 ग्राम सोने की कीमत 30,000 के आसपास थी, यानी साल भर में सोना 9 फीसदी महंगा हो चुका है. तो पिछले साल दिवाली के समय सोने में निवेश करने वालों के लिए तो साल भर का रिटर्न बढ़िया रहा है, लेकिन क्या सोने में ये तेजी आगे भी जारी रहेगी, ये कहना मुश्किल है.
कैसे कम कर सकते हैं गोल्ड इन्वेस्टमेंट में रिस्क?
जानकारों के मुताबिक, मौजूदा दौर में जब शेयर मार्केट दबाव में है, अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर बढ़ने की आशंका है और डॉलर में रुपये के मुकाबले मजबूती बनी हुई है, ये समय सोने में निवेश के लिए सही है. आप अपने कुल पोर्टफोलियो का 5-10 फीसदी सोने में निवेश कर सकते हैं.
जहां तक शगुन या निवेश के लिए खरीद का सवाल है, आपके पास सोना खरीदने के ढेरों ऑप्शन हैं, जिनकी मदद से आप अपना जोखिम कम कर सकते हैं.
इनमें सबसे बढ़िया विकल्प है केंद्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम. इसकी अगली सीरीज की शुरुआत 5 नवंबर यानी धनतेरस के दिन से हो रही है, जो 9 नवंबर तक चलेगी. इसमें सबसे बड़ा फायदा ये है कि ऑनलाइन एप्लिकेशन देने पर आपको 50 रुपए प्रति ग्राम का डिस्काउंट मिलेगा.
यानी अगर आपको 10 ग्राम सोना खरीदना है, तो आपको 500 रुपए का डिस्काउंट बाजार भाव के मुकाबले मिल जाएगा. इतना अधिक डिस्काउंट आपको न तो किसी ज्वेलर से मिलेगा, न ही किसी ट्रेडर से.
दूसरा बड़ा फायदा ये होगा कि गोल्ड सॉवरेन बॉन्ड स्कीम में आपको सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी दिया जाएगा. अगर आप सोने में लंबे समय तक निवेश के इच्छुक हैं, तो फिर इससे बेहतर और कोई तरीका नहीं है, क्योंकि मैच्योरिटी तक अगर आप इसमें बने रहे, तो फिर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स भी नहीं देना पड़ेगा. इस बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल है.
कहां से मिल सकता है सस्ता सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
एक्सपर्ट एक और तरीका बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप थोड़ा और ज्यादा डिस्काउंट हासिल कर सकते हैं. वो है सेकेंड्री मार्केट से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खरीद. दरअसल, सेकेंड्री मार्केट में आपको गोल्ड बॉन्ड 2800-2900 रुपए प्रति ग्राम के बीच मिल जाएंगे, जबकि नए इश्यू में इसके लिए आपको करीब 3200 रुपए देने होंगे.
यानी अगर आप सेकेंड्री मार्केट से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लेते हैं, तो आप मौजूदा बाजार भाव से 8-12 फीसदी तक सस्ता सोना खरीद सकते हैं. लेकिन ये डिस्काउंट यहां लिक्विडिटी कम होने की वजह से है, इसलिए इसमें सिर्फ वही निवेशक पैसे लगाएं, जो मैच्योरिटी तक बने रहना चाहते हों. मैच्योरिटी के पहले बेचने की जरूरत पड़े, तो फिर निवेशक को डिस्काउंट पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेचने को मजबूर होना पड़ सकता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के अलावा गोल्ड ईटीएफ और ई-गोल्ड खरीदने के विकल्प भी आपके पास मौजूद हैं, जहां आपको फिजिकल गोल्ड खरीदने पर लगने वाले मेकिंग चार्ज नहीं देने पड़ते. साथ ही उन्हें सुरक्षित रखने की चिंता भी नहीं करना होती.
लेकिन अगर आपको दिवाली पर फिजिकल गोल्ड यानी सोने के सिक्के, बार या गहने ही खरीदने हैं, तो फिर उन पर हॉलमार्क का निशान जरूर देख लें, ताकि जब भी आपको उन्हें बेचने की जरूरत पड़े, तो आपको उचित कीमत मिले.
(धीरज कुमार जाने-माने जर्नलिस्ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है)
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