ईडी ने वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के घरों और दफ्तरों की तलाशी ली. ईडी के सूत्रों के मुताबिक मुंबई में उनके कम से कम पांच दफ्तरों, घरों और कुछ अन्य जगहों पर तलाशी जारी है.
इस महीने मनी लांड्रिंग विरोधी कानून के तहत ईडी ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वेणुगोपाल धूत और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया गया था. आईसीआईसीआई बैंक की ओर से 1875 करोड़ रुपये लोन देने में गड़बड़ी करने के आरोप में इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. ईडी की टीम इन लोगों के खिलाफ और सबूत जुटा रही है. सीबीआई की ओर से पिछले महीने दर्ज शिकायत के बाद ईडी ने तलाशी का फैसला लिया. पिछले महीने सीबीआई ने इन लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था.
चंदा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था
सीबीआई ने वीडियोकॉन लोन मामले में आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ पिछले महीने लुकआउट नोटिस जारी किया है. पिछले साल चंदा कोचर के खिलाफ सीबीआई ने पीई दर्ज की थी. इसके बाद उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमुख वेणगोपाल धूत के खिलाफ भी सभी हवाईअड्डों पर लुकआउट नोटिसी जारी किए गए थे. इस लुकआउट को रिवाइव कर दिया गया है.
एफआईआर के बाद लुकआउट नोटिस जारी किए गए. एफआईआर के बाद यह नोटिस अनिवार्य होता है. आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा कोचर का पहले तो समर्थन किया लेकिन बाद में 18 जून 2018 को उन्हें बेमियादी छुट्टी पर भेज दिया था
क्या है मामला?
आरोप है कि वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी Nupower में अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी के जरिये निवेश किया था. इसके लिए वेणुगोपाल धूत ने जो लोन लिया था. उसे चंदा कोचर के आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ रहते मंजूर किया गया था. बाद में एक जटिल डील में Nupower और सुप्रीम एनर्जी ने मालिकाना हक में अदलाबदली की थी.
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