भारत ने जीएसटी अपनाने के लिए पहली बार पहल 2006 में की थी. लेकिन आज 10 साल बाद यह लागू नहीं हो पाया है. राज्यसभा में जीएसटी के लिए प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल पर चर्चा होनी है. यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है.
जानिए टैक्स एक्सपर्ट बद्रीनारायण से जीएसटी और उसके प्रभाव के बारे में.
बद्रीनारायण के मुताबिक, आज देश में एक ही चीज पर अलग-अलग तरह के शुल्क और कर लगते हैं. जैसे- किसी चीज के निर्माण पर लगने वाला एक्साइज ड्यूटी या उत्पादन कर, वस्तु के आयात पर कस्टम ड्यूटी. किसी चीज की बिक्री पर वैट टैक्स और उपभोक्ता द्वारा खपत पर सर्विस टैक्स. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) या वस्तु व सेवा कर के अंतर्गत इन सभी टैक्सों को हटाकर एक ही टैक्स कर दिया जाएगा.
सीजीएसटी और एसजीएसटी
जीएसटी के 3 प्रकार हैं,
- सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी): यह केंद्र सरकार द्वारा लगाया और वसूला जाएगा.
- स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी): यह राज्य सरकार द्वारा लगाया और वसूला जाएगा.
- इंटरस्टेट जीएसटी (आईजीएसटी): जब माल एक राज्य से दूसरे में जाएगा, तब यह टैक्स लगाया जाएगा.
टैक्स एक्सपर्ट बद्रीनारायण के अनुसार, चूंकि राज्य सरकारें ये मानती हैं कि टैक्स के नियंत्रण में ही उनकी असली ताकत है, तो उनकी आपत्ति के चलते अलग से स्टेट जीएसटी का प्रबंध किया गया है. जीएसटी की दर 18 से 24% तक हो सकता है. वहीं जीएसटी के फायदे पर उन्होंने कहा,
- इससे देश के टैक्स सिस्टम में एकरूपता आएगी.
- कंपनियों के स्थाई सरकार टैक्स का अंदाजा सटीक तरीके से लगा सकेगी.
- बिजनेस घराने, जो टैक्स से बचने के चक्कर में सस्ती दर वाली जगहों पर अपने प्लांट बदलते रहते हैं, उनके स्थाई होने की संभावना बढ़ेगी.
- जीएसटी के जरिए टैक्स का भार एक आदमी पर कम होगा.
- वहीं इसके जरिए देश में कर देने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी.
कहां होगा ज्यादा पैसा खर्च
- सर्विस सेक्टर या तृतीयक सेक्टर होगा महंगा.
- लग्जरी कार खरीदने में खर्च करना होगा ज्यादा पैसा.
- शुरू के 2 सालों में उपभोक्ता रहेंगे घाटे में.
- इनमें भी शहरी उपभोक्ता ज्यादा घाटे में, क्योंकि ये ज्यादा सर्विस का उपयोग करते हैं.
- हवाई किराया भी हो जाएगा महंगा.
किसे होगा ज्यादा फायदा
- टेक्सटाइल इंडस्ट्री में आएगा बूम, कुल मिलाकर कम कर दरों का मिलेगा फायदा.
- अॉटो इंडस्ट्री में आएगा उछाल, कम दरों का मिलेगा फायदा.
- फार्मा इंडस्ट्री के ऊपर जाने की संभावना.
- एफएमसीजी इंडस्ट्री में भी होगा जबरदस्त उछाल.
- देश के आयकर दाताओं का दायरा बढ़ने से सरकार को होगा फायदा.
- व्यापारियों को भी मिलेगा एकीकृत टैक्स सिस्टम का लाभ.
कहां बचेगा पैसा
- घूमना फिरना होगा सस्ता.
- कम कीमत की कारें होंगी और सस्ती.
- दवाइयों के दाम भी गिरेंगे.
- दैनिक उपभोग की वस्तुएं जैसे साबुन, सोडा भी होंगी सस्ती.
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