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फेस्टिवल एडवांस, LTC कैश वाउचर- केंद्र सरकार के ऐलान की बड़ी बातें

सरकार ने कर्मचारियों के लिए 10 हजार रुपये के फेस्टिवल एडवांस की सरकार ने घोषणा की है.

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केंद्रीय वित्त मंत्री ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि COVID-19 महामारी के इस दौर में आज हम एक बार फिर उपभोक्ता मांग में सुधार के लिए कुछ घोषणाएं लेकर आए हैं. आइए जानते हैं केंद्र सरकार ने जारी किए गए पैकेज में कौन-कौन सी घोषणाए की हैं और उसका आप कैसे फायदा उठा सकते हैं.

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स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम

सरकार ने कर्मचारियों के लिए 10 हजार रुपये के फेस्टिवल एडवांस की सरकार ने घोषणा की है। केंद्र की इस स्कीम के तहत सभी रैंक और श्रेणी के कर्मचारियों को 10,000 रुपये का प्री-पेड रुपे कार्ड दिया जाएगा. बतादें कि सातवें वेतन आयोग में एडवांस का कोई प्रावधान नहीं था. हालांकि, इस बार सरकार ने त्योहारों के मौसम में 10 हजार रुपये का यह एडवांस देने की घोषणा की है.

  • एडवांस को मार्च, 2021 तक किसी भी त्योहार के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा
  • कर्मचारी 10 किस्त में इसे लौटा सकेंगे
  • यह पूरी तरह से ब्याज मुक्त एडवांस होगा
  • इसमें बैंक चार्ज सरकार वहन करेगी

एलटीसी कैश वाउचर

प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने एलटीसी कैश वाउचर की घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि LTC Cash Voucher Scheme' से 28,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी.

  • एलटीसी कैश वाउचर के तहत सरकारी कर्मचारी यात्रा के लिए रिअम्बर्समेंट की बजाय कैश क्लेम कर सकते हैं।
  • एलटीसी कैश का इस्तेमाल 31 मार्च, 2021 से पूर्व सामानों की खरीद, यात्रा टिकट के तीन गुना के बराबर SVCS के लिए किया जा सकेगा
  • कर्मचारी एक बार लीव एक इन्कैशमेंट का लाभ भी उठा सकते हैं
  • उचित भुगतान कर मुक्त होगा
  • लीव इन्कैशमेंट पर पहले की दर से टैक्स देय होगा
सरकार का दावा है कि एलटीसी और त्योहारों के लिए एडवांस से 36,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी. राज्यों में अतिरिक्त पूंजीगत खर्च  से 37,000 करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा होगी. इस तरह कुल 73,000 करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा होगी. यह राशि 31 मार्च 2021 से पहले खर्च की जाएगी. निजी क्षेत्र की मांग भी होगी. इस तरह कुल 1 लाख करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी.
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राज्यों को पूंजीगत खर्च के लिए 12,000 करोड़ रुपए

पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त लोन की घोषणा की गई. सरकार का कहना है कि पूंजीगत खर्च का मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है. जीडीपी को बढ़ावा मिलेगा, पूंजीगत व्यय से इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा. केंद्र सरकार की ओर से पूंजीगत खर्च के लिए 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया जाएगा.

  • पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 1,600 करोड़ रुपये
  • उत्तराखंड एवं हिमाचल के लिए 900 करोड़ रुपये
  • 7,500 करोड़ रुपये का प्रावधान अन्य राज्यों के लिए
  • इसका आधा हिस्सा पहली किस्त के रूप में मिलेगा, पहली किस्त खर्च होने के बाद दूसरी किस्त मिलेगी.
  • राज्य किसी नए प्रोजेक्ट या पुराने प्रोजेक्ट पर इसे खर्च कर सकते हैं
  • इसे 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा
  • अगर कुछ राशि का इस्तेमाल नहीं हो पाता है, तो उसे फिर रि-एलोकेट किया जा सकेगा
  • यह बाकी अन्य उधारी सीमा से अलग है
  • इसे रोड, डिफेंस इन्फ्रा, वाटर सप्लाई, शहरी विकास में खर्च किया जा सकता है.

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