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PMC बैंक के पूर्व MD थॉमस के खिलाफ FIR में ‘तकनीकी वजहों’ से देरी

थॉमस के खिलाफ FIR मुंबई पुलिस दर्ज नहीं होगी बल्कि ये इकनॉमिक अफेयर्स विंग में रजिस्टर होगी

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पीएमसी बैंक मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जेबी भोरिया को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था, अब खबर है कि वो पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस के खिलाफ इकनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) में एफआईआर करने की तैयारी में हैं.

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सूत्रों के मुताबिक जब भोरिया ने मुंबई पुलिस से 27 सितंबर यानि शुक्रवार की शाम को FIR करने को लेकर संपर्क किया, तब पुलिस ने उनसे 30 सितंबर तक इंतजार करने के लिए कहा. दरअसल, एफआईआर में देरी होने की वजह तकनीकी खामी बताई जा रही है.

प्रक्रिया के मुताबिक, थॉमस के खिलाफ एफआईआर मुंबई पुलिस दर्ज नहीं करेगी बल्कि ये इकनॉमिक ऑफेंस विंग में रजिस्टर होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि मामले में जितनी रकम है वो EOW के दायरे में आती है.

RBI प्रशासन ने द क्विंट को बताया कि जॉय थॉमस पीएमसी बैंक के एकमात्र सदस्य हैं, जिनको सीधे फ्रॉड केस में बुक किया जाएगा. एक बार जब जांच पूरी हो जाएगी, उसके बाद अगर और नाम आते हैं तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

हमने पीएमसी बैंक के नए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किए गए जेबी भोरिया से बात की-

हम मामले में अभी और लोगों को आइडेंटिफाई नहीं कर पाए हैं. लेकिन अगर मैंने इस केस में देरी की तो इसका गलत असर पड़ेगा. अब चूंकि जॉय थॉमस का नाम बाहर आया है तो हम उसके खिलाफ एफआईआर कर रहे हैं. अगर एफआईआर में जांच के आधार पर पुलिस को और तथ्य मिलते हैं या RBI की जांच में कुछ निकलता है, तो उस पर भी कार्रवाई करेंगे.
जेबी भोरिया

27 सितंबर को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस ने स्वीकार किया था कि कोऑपोरेटिव बैंक ने HDIL को 2500 करोड़ रुपये का लोन 6 साल के लिए जारी किया था. उन्होंने ये भी माना कि कंपनी ने पिछले 3 साल से किश्तें देना बंद कर दीं और कथित तौर पर ये बात पीएमसी बैंक के बोर्ड के सदस्यों से छुपाई गईं.

थॉमस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही बातों पर जेबी भोरिया ने कहा-

थॉमस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरबीआई पर आरोप लगा रहे थे. लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि वो ये (HDIL से किश्तें न आने वाली बात) 5-6 साल से छुपा रहे थे. उन्होंने कहा कि “आरबीआई ने ये क्यों नहीं पकड़ा?”. ये इसी तरह है जैसे कोई आदमी बोले मैंने चोरी या मर्डर किया, लेकिन पुलिस की गलती है कि वो मुझे नहीं पकड़ पाई

जेबी भोरिया ने ये भी कहा कि जांच एजेंसियों को अभी तक सही-सही नहीं पता है कि HDIL को 2500 करोड़ का ही कर्ज दिया गया. इसका पता तभी चल सकता है जब पुलिस और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स बैंक द्वारा पिछले कुछ सालों में दिए गए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट लोन का खुलासा करें.

उन्होंने (पीएमसी बैंक, जब जॉय थॉमस एमडी थे) 500 या 1000 करोड़ रुपये का कर्ज तो दिया ही, इसी के साथ उन्होंने अपने एम्पलॉइज और कुछ अन्य लोगों को इनडायरेक्ट लोन दिया. अब हमें इसके बारे में विस्तार से जानकारी जुटानी होगी. पुलिस और चार्डर्ट अकाउंटेंट अब मिलकर ये खोजेंगे. हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते हैं कि HDIL को 2500 करोड़ का कर्ज दिया गया.

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