रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत का ग्रोथ अनुमान घटा कर 5.1 फीसदी कर दिया है. इससे पहले इसने दिसंबर 2019 में 2020-21 के लिए 5.6 फीसदी की विकास दर का अनुमान लगाया था.
इकनॉमी पर सप्लाई चेन की दिक्कतों का होगा बड़ा असर
फिच रेटिंग्स ने 2020 के लिए अपने ग्लोबल आउटलुक में बताया है कि आने वाले दिनों में कोरोनावायरस से और लोग प्रभावित होंगे लेकिन यह धीरे-धीरे काबू हो जाएगा. फिच ने कहा है कि सप्लाई चेन में दिक्कत की वजह से भारत में कारोबार में निवेश प्रभावित होगा और निर्यात को झटका लग सकता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा इससे 2020-21 के दौरान ग्रोथ रेट घट कर 5.1 फीसदी हो सकता है. वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का ग्रोथ रेट सिर्फ पांच फीसदी रहा था. हालांकि फिच ने 2021-22 के लिए 6.1 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है.
कोरोनावायरस से बाजार के सेंटिमेंट को भी करारा झटका लगा है और भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है.
चीन के साथ बिजनेस लिंकेज कम, लेकिन मैन्यूफैक्चरिंग को लगेगा झटका
भारत के चीन के साथ ट्रेड और टूरिज्म लिंकेज कम हैं लेकिन इसके बावजूद भारत में मैन्यूफैक्चरिंग को काफी नुकसान हो सकता है. इसकी वजह यह है कि भारत के मैन्यूफैक्चरर्स इंटमीडिएट गुड्स (जिनसे फाइनल प्रोडक्ट बनते हैं) के लिए काफी हद तक चीनी सप्लायर्स पर निर्भर हैं. चीन के साथ ट्रेड लिंकेज से होने वाले घाटे के अलावा देश में सर्विस सेक्टर की इंडस्ट्रीज पर कोरोनावायरस के संक्रमण मार पड़नी शुरू हो गई है. इनमें टूर-एंड ट्रैवल, एविएशन और होटल इंडस्ट्रीज शामिल हैं. इन इंडस्ट्रीज में बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.
फिच रेटिंग्स पहले से एक और ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भी कोरोनावायरस की वजह से भारत का ग्रोथ अनुमान घटा कर 5.7 से 5.2 फीसदी कर दिया था.
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