ईपीएफओ (Employee Provident Fund Organization) यानी ‘कर्मचारी भविष्य निधि संगठन’ भारत सरकार का एक संगठन है, जो अपने सदस्यों को रिटायरमेंट के बाद आय सुरक्षा देने के लिए कई योजनाएं चलाता है.
लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आपका ईपीएफ या कर्मचारी भविष्य निधि खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो उस तिथि से आगे ब्याज नहीं मिलता, यानी कुछ ऐसी भी परिस्थिती होती हैं, जब पीएफ के पैसे पर ब्याज नहीं मिलता तो आइए आज हम आपकों उन स्थिति के बारे में बताते है.
इन 4 मौकों पर पीएफ पर ब्याज नहीं मिलता
- जब कोई कर्मचारी 55 साल की उम्र के बाद अपनी नौकरी से रिटायर होता है.
- जब ईपीएफ सब्सक्राइबर मर जाता है.
- जब ईपीएफ सब्सक्राइबर स्थायी रूप से देश छोड़कर विदेश में जाकर बस जाता है.
- नौकरी की अवधि खत्म हो जाने के बाद अगर 36 महीनों तक ईपीएफ के लिए कोई क्लेम नहीं आता है.
यह ध्यान देने वाली बात है यदि कर्मचारी को देय ईपीएफ शेष राशि को कर से मुक्त किया गया है यदि उसने पांच साल या उससे अधिक की अवधि के लिए लगातार सेवा प्रदान की है.
ऐसे मामलों में जब कर्मचारी ने विभिन्न संगठनों में सेवाएं प्रदान की हैं, अगर ईपीएफ शेष खाते में स्थानांतरित किया जाता है, तो यह माना जाता है कि कर्मचारी ने कराधान के उद्देश्य से पांच साल या उससे अधिक समय तक निरंतर सेवा प्रदान की है.
यदि ईपीएफ खाते में कोई नया योगदान नहीं है, तो खाता निष्क्रिय हो जाता है लेकिन फिर भी ब्याज अर्जित करना जारी रखता है. हालांकि, आपके पीएफ बैलेंस के बाद की वृद्धि सब्सक्राइबर के हाथों में कर योग्य होगी. कर का भुगतान अग्रिम कर या स्व-मूल्यांकन कर के माध्यम से किया जा सकता है.
दो किस्तों में होगा भुगतान
भविष्य निधि कोष का प्रबंधन करने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने छह करोड़ के करीब अंशधारकों को वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये भविष्य निधि पर तय ब्याज का आंशिक भुगतान करने का फैसला किया है.
ईपीएफ पर 8.50 प्रतिशत की तय दर में से फिलहाल 8.15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने का फैसला किया गया है. शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान इस साल दिसंबर तक अंशधारकों के ईपीएफ खातों में कर दिया जायेगा.
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