GST आने के बाद सोने पर ज्यादा टैक्स लगने की संभावना जताई जा रही थी. ऐसे में इस साल मई के महीने में सोने के आयात में काफी इजाफा हुआ है.
ऐसी संभावना थी कि GST के तहत सोने पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा, जो फिलहाल लग रहे टैक्स का दोगुना है. इसका नतीजा ये हुआ कि कारोबारियों ने स्टॉकिंग शुरू कर दी और आयात बढ़ने लगा.
बता दें कि GST के तहत सोने पर 3 फीसदी की दर से टैक्स वसूला जाएगा. पहले इस पर 2 फीसदी की दर से टैक्स लगता था.
सोने का बड़ा इम्पोर्टर है भारत
देश में आयात होने वाली चीजों में सोने की बड़ी हिस्सेदारी है. दुनियाभर में सबसे ज्यादा सोना खपत करने वाले देश भारत और चीन हैं. भारत में तो हर समय सोने की मांग बनी रहती है, क्योंकि शादियों, त्योहारों में सोने का लेन-देन एक ट्रेडिशन है.
सरकार ने कई मोनेटाइजेशन स्कीम की मदद से सोने को रिसाइकिल करने की भी खूब कोशिश की, लेकिन ये कोशिश बहुत कामयाब होती नजर नहीं आई.
अब वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मई में भारत में सोने का आयात तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 5 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
नोटबंदी का असर कम होने के बाद बढ़ी मांग
जानकारों के मुताबिक, नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत दूर होने पर सोने की डिमांड बढ़ी है. शादी के सीजन के कारण इस मांग में और इजाफा हुआ है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने मई के महीने में आंकड़े जारी किए थे. इसके मुताबिक जहां दुनियाभर में सोने की मांग में कमी आई है, वहीं देश में मांग में इजाफा हुआ है.
आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से मार्च महीने में देश में सोने की मांग में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं दुनियाभर में इस दौरान 18 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
देश में साल 2017 की पहली तिमाही में सोने की मांग 123.5 टन रही, जबकि साल 2016 साल की पहली तिमाही में ये 107.3 टन थी. वहीं सोने की ग्लोबल डिमांड की बात करें, तो वो 2017 की पहली तिमाही में 1,034 टन रही, जो 2016 की पहली तिमाही की तुलना में 18 फीसदी कम है.
WGC की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में इस दौरान कुल 32,420 करोड़ रुपये के सोने की बिक्री हुई. पिछले साल इसी अवधि में 27,540 करोड़ रुपये के सोने की बिक्री हुई थी.
(Source: ब्लूमबर्ग क्विंट)
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