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GST: दाल-आटे से लेकर चाय-चीनी तक, सब के दाम पर सरकार की पैनी नजर

GST के बारे में सीबीईसी चेयरपर्सन ने कहा- चीजों की सप्‍लाई में बाधा की कोई भी बड़ी घटना सामने नहीं आई है. 

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GST लागू होने के बाद हर कोई ये समझने में लगा है कि टैक्‍स के नए नियम की वजह से जरूरत की किन-किन चीजों के दाम में इजाफा हो रहा है. केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने बताया है कि नई कीमतों को लेकर बाजार पर नजर रखी जा रही है.

सीबीईसी की चेयरपर्सन वनजा सरना ने कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद कीमतों में किसी भी असामान्य तेजी पर शुरुआत में ही अंकुश लगाने के लिए सरकार आटे से लेकर चाय, तक दो दर्जन से अधिक चीजों के रोजाना मूल्यों में बदलाव पर कड़ी नजर रख रही है.

उन्होंने कहा कि एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद दाम कमोबेश नियंत्रण में हैं. साथ ही सप्‍लाई में दिक्‍कत की कोई भी बड़ी घटना सामने नहीं आई है.

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वनजा सरना ने कहा कि कई स्तरों पर निगरानी हो रही है और कर विभाग के अधिकारी लगातार इस कोशिश में लगे हैं कि जीएसटी लागू करने में कोई बड़ी बाधा नहीं आए.

जीएसटी में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट समेत 17 तरह के टैक्‍स समा गए हैं.

उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय हमें आम जरूरत की चीजों की रोजाना की कीमतों में बदलाव के बारे में सूचनाएं दे रहा है. पिछले 30 दिनों से हमें रोजाना रिपोर्ट मिलती है.
वनजा सरना, चेयरपर्सन, सीबीईसी

उन्होंने कहा कि 25-30 आम इस्‍तेमाल और हर परिवार द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीजों, मसलन आटा, चावल, दालें, चीनी और चाय की उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा निगरानी की जा रही है और मंत्रालय राजस्व विभाग और कैबिनेट सचिव कार्यालय को रोजाना रिपोर्ट भेज रहा है.

जीएसटी लागू होने के बाद कैबिनेट सचिव ने रोजाना आधार पर दाम और सप्‍लाई की निगरानी के लिए 200 से अधिक नौकरशाहों की टीमें बनाई थीं. उनके जिम्मे यह भी था कि जरूरी वस्तुओं की आपूतर्ति में बाधा न बाए.

जब वनजा से पूछा गया कि क्या आपूर्ति में बाधा की कोई खबर आई है, तो उन्होंने कहा कि एक या दो दिन के लिए कुछ चीजों की कमी जैसी स्थिति रही. लेकिन ऐसा कुछ नहीं था, जो चिंताजनक हो. उनमें ज्यादातर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में बदलाव से संबंधित था.

(इनपुट भाषा से)

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