केंद्र सरकार ने स्टार्टअप के सामने आ रहे एंजेल टैक्स के मुद्दे को सुलझाने के लिए कदम उठाने का फैसला लिया है. सरकार की तरफ से इसके लिए एक पैनल गठित करने का फैसला लिया गया है. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के सचिव रमेश अभिषेक ने सोमवार को इसके बारे में बताया.
बैठक में लिया गया फैसला
रमेश अभिषेक ने बताया कि डीपीआईआईटी की तरफ से बुलाई गई बैठक में इस मुद्दे पर काफी चर्चा की गई. इस बैठक में स्टार्टअप की ओर से कई सुझाए आए. इस राउंड टेबल मीटिंग में एक पैनल गठित करने का फैसला लिया गया. जो अगले कुछ ही दिनों में एंजेल टैक्स के समाधान बताएगा. उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वे स्टार्टअप कंपनियों के खिलाफ जबरन कोई कार्रवाई न करे.
कई कंपनियों ने जताई थी चिंता
कई स्टार्टअप कंपनियों ने एंजेल टैक्स के तहत कानून की धारा 56 (2) (7B) के तहत भेजे गए नोटिस पर चिंता जताई थी. जिसके बाद उनकी इन परेशानियों को देखने हुए ही यह बैठक बुलाई गई. बैठक में शामिल हुए सीबीडीटी के मेंबर अखिलेश रंजन ने कहा कि निवेशकों, उद्यमियों और संस्थापकों ने यह मुद्दा उठाया. उन्हें समझाया गया कि यह कर नियम क्यों लागू है.
कंपनियों से कहा गया कि हम स्टार्टअप पर इस प्रावधान के तहत टैक्स नहीं लगाना चाहते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि कोई इसकी जानकारी दे कि स्टार्टअप क्या है? रंजन ने कहा कि आयकर अधिकारियों से पहले ही कहा गया है कि वे ऐंजल टैक्स के तहत वसूली न करें और उनकी अपीलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं.
पिछले लंबे समय से नया कारोबार शुरू करने वाले नए बिजनेसमैन एंजेल टैक्स को लेकर परेशान हैं. इसके लिए कई बार सरकार से अपील कर चुके हैं. बताया जाता है कि इस टैक्स से परेशान होकर कई स्टार्टअप ठीक से शुरू होने से पहले ही बंद हो गए
टैक्स में छूट की मांग
स्टार्टअप व्हॉट्स एक्सट्रा इंडिया के संस्थापक निकुंज बुबना ने कहा कि सरकार को उन्हें टैक्स में छूट देनी चाहिए. बुबना ने कहा कि उन्हें 50 लाख रुपये का टैक्स नोटिस मिला था. इस वजह से उन्हें अपना स्टार्टअप बंद करना पड़ा. प्रेस्टो की मोनिका जैने कहा कि सरकार को एंजल टैक्स के मुद्दे का समाधान लाना चाहिए क्योंकि इससे नए स्टार्टअप को काफी नुकसान होता है.
क्या है एंजेल टैक्स
स्टार्टअप कंपनियां अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पैसे जुटाते हैं. इसके लिए पैसे देने वाली कंपनी या किसी संस्था को शेयर जारी किए जाते हैं. ज्यादातर मामलो में ये शेयर की तय कीमत के मुकाबले काफी ज्यादा कीमत पर जारी किए जाते हैं. शेयर की अतिरिक्त कीमत को इनकम माना जाता है. इस इनकम पर जो टैक्स लगता है, उसे एंजेल टैक्स कहा जाता है. स्टार्टअप को इस तरह मिले पैसे को एंजल फंड कहते हैं. जिसके बाद इनकम टैक्स विभाग एंजेल टैक्स वसूलता है.
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