Mithila Makhana GI tag: मिथिला के मखाना कृषकों के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर है. सरकार ने मिथिला मखाना को जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग (जीआई टैग) दे दिया है, इससे मखाना उत्पादकों को अब उनके उत्पाद का और भी बेहतर दाम मिल पाएगा.
इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने कहा, "जीआई टैग से पंजीकृत हुआ मिथिला मखाना, किसानों को मिलेगा लाभ और आसान होगा कमाना. त्योहारी सीजन में मिथिला मखाना को जीआई टैग मिलने से बिहार के बाहर भी लोग श्रद्धा भाव से इस शुभ सामग्री का उपयोग कर पाएंगे."
बता दें जिस भी वस्तु को जीआई टैग मिल जाता है, तो कोई भी दूसरा व्यक्ति उसी नाम के तहत उसी से मिलती-जुलती वस्तु नहीं बेंच सकता. इससे जीआई टैग प्राप्त वस्तु के निर्यात को बल मिलता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह टैग मिथिलांचल मखाना उत्पादक संघ के नाम से पंजीकृत हुआ है. फिलहाल यह टैग 10 साल के लिए दिया गया है, उसके बाद इसे रिन्यू करवाया जा सकता है.
बता दें दार्जीलिंग चाय, चंदेरी फ्रैब्रिक, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग जैसी कई वस्तुओं को जीआई टैग मिला हुआ है. आमतौर पर यह उस क्षेत्र और उससे जुड़ी वस्तु को दिया जाता है, जो लंबे वक्त से वहां उत्पादित हो रही है और क्षेत्र विशेष की खासियत रही है.
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