GST कंपनसेशन के बकाए को लेकर 5 अक्टूबर को फिर से GST काउंसिल (GST Council) की 42वीं बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. इस बैठक में जीएसटी कंपनसेशन के भुगतान पर फैसला होना था. लेकिन राज्यों और केंद्र के बीच सहमति नहीं बन सकती. कुछ राज्य चाहते हैं कि उनके कंपनसेशन बकाए का भुगतान केंद्र सरकार कर्ज लेकर करे. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और बाकी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि-
21 राज्यों ने तय किया है कि वो ऑप्शन 1 चुनेंगे. इसमें ये जरूरी है कि राज्य कर्ज लें और उसका ब्याज कंपनसेशन सेस से भरा जाए. इस केस में सेस का कलेक्शन 5 साल से ज्यादा वक्त तक किया जाए. कुछ राज्य तीसरा ऑप्शन चाहते हैं. लेकिन कुछ राज्य हैं जो किसी भी विकल्प को न चुनकर चाहते हैं कि केंद्र सरकार कर्ज लेकर कंपनसेशन का भुगतान करें. तो इस पर हमारी सहमति नहीं बन पाई. हम चर्चा के लिए तैयार हैं.निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
बचे हुए IGST और कंपनसेशन का भुगतान
केंद्र ने ये भी फैसला किया है कि 24,000 करोड़ रुपये के IGST का जो भुगतान रह गया था वो राज्यों को अगले हफ्ते के आखिर तक कर दिया जाएगा. इसके अलावा 20,000 करोड़ रुपये के कंपनसेशन की जो वसूली हुई है उसको राज्यों में आज रात तक हीं बांट दिया जाएगा.
कंपनसेशन सेस 2022 के बाद तक वसूला जाएगा
GST काउंसिल बैठक में अहम फैसला ये हुआ है कि लग्जरी आइटम्स पर लगने वाला कंपनसेशन सेस अब 2022 से आगे तक भी वसूला जा सकेगा. पहले तय हुआ था कि GST लागू के बाद 5 साल तक ही कंपनसेशन सेस वसूला जाएगा. लेकिन अब इसी अवधि को बढ़ाया गया है.
ISRO की सैटेलाइन लॉन्च सर्विस GST के दायरे से बाहर
काउंसिल की बैठक में फैसला हुआ है कि ISRO की सैटेलाइन लॉन्च सर्विस GST के दायरे से बाहर रखा जाएगा.
10 राज्यों की मांग, पूरे कंपनसेशन का भुगतान हो
केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने लिखा है कि-
'जीएसटी काउंसिल की बैठक में 10 राज्यों ने मांग की है कि जैसा कि कानून में लिखा है कि केंद्र को कर्ज लेकर राज्यों को पूरे कंपनसेशन का भुगतान किया जाना चाहिए. इस पर फैसला 12 अक्टूबर की बैठक में लिया जाएगा.'
विपक्षी राज्यों ने दोनों ऑप्शन से किया था इनकार
बता दें कि केंद्र ने कंपनसेशन की भरपाई करने के लिए राज्यों को दो ऑप्शन सुझाए थे लेकिन राज्यों ने दोनों ही ऑप्शन ठुकरा दिए थे. इन राज्यों में झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इन राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार को कर्ज लेकर कंपनसेशन की भरपाई करनी चाहिए.
करीब 21राज्यों ने GST शॉर्टफॉल की भरपाई करने के लिए 97,000 करोड़ रुपये कर्ज ले लिया है. इन राज्यों में ज्यादातर बीजेपी शासित राज्य हैं या मुद्दों पर बीजेपी का समर्थन करते आए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)