GST काउंसिल की 11 जून की बैठक में छोटे और मझोले उद्योगों के लिए खुशखबरी मिली. बैठक में कंपोजिशन स्कीम का दायरा 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपए कर दिया गया. यानी जो ट्रेडर्स 75 लाख या इससे कम का टर्नओवर करते हैं उन्हें 1 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा, वहीं इसी टर्नओवर वाले मैन्युफैक्चरर्स को 2 फीसदी और रेस्टोरेंट मालिकों को 5 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा.
जानकारों के मुताबिक इस तरह के प्रावधान से छोटे कारोबारियों पर वित्तीय बोझ कम होगा. लेकिन क्या ये पर्याप्त है?
इसी बात का जायजा लेने के लिए ब्लूमबर्ग क्विंट ने दिल्ली के चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्सटेंशन मार्केट और मुंबई के बांद्रा, वर्ली, दादर, फोर्ट, मस्जिद बंदर मार्केट में 65 छोटे कारोबारियों के बीच पोल कराया.
पोलिंग के नतीजों में 52 फीसदी छोटे कारोबारियों ने जीएसटी के बाद कीमतें बढ़ने की आशंका जताई है.
ये रहे पोल के नतीजे:
GST के लिए कारोबारी कितने तैयार हैं ?
कारोबारियों के वेंडर्स GST के लिए कितने तैयार हैं?
कंपनियों पर जीएसटी का असर कैसा होगा ?
कीमतों पर कैसे पड़ेगा असर ?
क्या ट्रांजिशन स्टॉक में कारोबारियों को नुकसान की आशंका है ?
वेयरहाउसिंग स्ट्रैटेजी में GST के कारण होगा बदलाव ?
तकनीकी तौर पर कितने तैयार हैं कारोबारी?
(Source: ब्लूमबर्ग क्विंट)
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