कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते देशभर में करीब डेढ़ महीने से लॉकडाउन है. इकनॉमी का पहिया थम गया है, कारोबार बंद हैं, नौकरियां जा रही है, सैलरी में कटौती हो रही है, प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं. इन सब परिस्थितियों में रियल एस्टेट इंडस्ट्री मार्केट की क्या हालात हैं? क्या अच्छी डील मिलने पर घर खरीदार को अभी घर खरीदने के बारे में सोचना चाहिए या फिर रुकना चाहिए? आगे आने वाले दिनों में प्रॉपर्टी मार्केट में क्या होगा? इन सारे सवालों को लेकर हमने बात की इंडस्ट्री के दिग्गजों से.
एक्सपर्ट बताते हैं कि कोरोना वायरस ने जो देश की इकनॉमी को झटका दिया है उसके चलते रियल एस्टेट इंडस्ट्री की सेल्स पर जबरदस्त असर दिखने वाला है. कोरोना वायरस की मार के पहले ही अनसोल्ड इंवेंटरी की तादाद ज्यादा थी और अब कोरोना संकट के बाद तो इंडस्ट्री में डिमांड और गिरने वाली है.
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट का अनुमान है कि साल 2020 में देश के 7 प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट की कीमत करीब 25-35% गिर सकती है.
कई क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों का ये भी अनुमान है कि इंडस्ट्री में कुछ डिफॉल्ट भी देखने को मिल सकते हैं. ये बात साफ है कि इंडस्ट्री जिस स्थिति में खड़ी है यहां से रिवकरी काफी धीमी और तकलीफदेह रहने वाली है.
हीरानंदानी ग्रुप के को-फाउंडर और MD निरंजन हीरानंदानी बताते हैं कि खरीददार के लिहाज से सोचें तो ऐसे लोग जो साधारण तबके से आते हैं वो वक्त पूंजी संभाल के रखना चाहेंगे. कुछ लोग ऐसे जो अपना घर अपग्रेड करना चाहते हैं. ऐसे लोगों की सोच है कि जिस घर में वो अभी रह रहे हैं वहां अच्छी फैसिलिटी नहीं हैं. इसलिए हो सकता है कि आने वाले दिनों में वो घर खरीदें.
इंडस्ट्री की बेहतरी इकनॉमी पर निर्भर करेगी कि कितने कुछ कितने वक्त में वापस ट्रैक पर आता है. जहां तक बिल्डर की बात है वो बैंकों की लिक्विडिटी और कर्ज देने की क्षमता पर निर्भर करेगा. अगर बैंक क्रेडिट रिलीज करेंगे तो मौके बन सकते हैं. लेकिन लॉकडाउन के बाद हमारे वर्कर्स कब तक लौंटेंगे ये भी अनिश्चितता है.निरंजन हीरानंदानी, को-फाउंडर और MD, हीरानंदानी ग्रुप
घर खरीददार को क्या करना चाहिए?
ट्रैक टू रियलटी के प्रॉपर्टी एक्सपर्ट रवि सिन्हा बताते हैं कि घर खरीदार को अभी करीब 6 महीने का इंतजार करना चाहिए. इस दरमियान आपको स्थिति का ऐहसास हो जाएगा कि नौकरी का क्या होगा. सैलरी कट होगा तो कितना होगा. बाकी इकनॉमी का क्या होता है. ये तय है कि आने वाले दिनों में प्रॉपर्टी मार्केट या तो फ्लैट रहेगा या नीचे की तरफ जाएगा. अगले 2 साल तक इंडस्ट्री की बेहतरी की कोई उम्मीद नहीं है. भारत में 5% लोग खुद की फंडिंग से ही घर खरीदते हैं 95% लोग कर्ज लेकर ही घर खरीद पाते हैं. अभी जो स्थित है उसमें घर खरीददार को जोश में नहीं आना है अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में रहना है.
कोरोना वायरस के प्रकोप के पहले ही देशभर के टॉप 10 शहरों में करीब 7 लाख अनसोल्ड हाउसिंग यूनिट हैं. इससे साफ है कि लॉकडाउन के पहले से ही बाजार में डिमांड नहीं है. रियल एस्टेट में अभी डिमांड के साथ-साथ सप्लाई साइड भी कमजोर है. लोगों की नौकरियां जा रही हैं. सैलरी में कटौती हो रही है. तो इस वजह से खरीदारी का माहौल नहीं है. कई रिपोर्ट्स आई हैं कि गार्डियन, एनारॉक जैसे कंपनियों ने कई सारी प्रॉपर्टी बेची है और ये सारा डाटा कंसोलिडेट करने पर पता चलता है कि 1500 करोड़ रुपये की बिक्री के दावे हो रहे हैं. इसलिए अगर डिमांड नहीं है और फिर भी ट्रांजैक्शन हो रहा तो इससे पता चलता है कि मार्केट से जो इन्वेस्टर बाहर हो गए थे वो मार्केट में अच्छी डील की उम्मीद लेकर वापस आए हैं. एक बात ये भी है कि बिल्डर के पास अब होल्डिंग कैपेसिटी नहीं है. बिल्डर्स 15-20% कम में ही प्रॉपर्टी निकाल रहे हैं. क्यों कि नहीं निकालेंगे तो उनका ब्याज का पैसा बढ़ रहा है.रवि सिन्हा, ट्रैक टू रियल्टी
आकर्षक डील मिल सकती हैं लेकिन संभलकर
कोरोना वायरस का संकट कितने दिन चलगा अभी किसी को इस बात का अंदाजा नहीं है. ऐसे में अनिश्चितता का माहौल ज्यादा है. ऐसे में बिल्डर्स प्रॉपर्टी में लॉक अपनी रकम रिलीज करने के लिए सस्ते दाम में प्रॉपर्टी बेच सकते हैं. रियल एस्टेट एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि-
इंडस्ट्री का मनोबल गिरा हुआ है डिमांड कम है और सप्लाई साइड मजबूत है. एक बायर के लिए ये सबसे अच्छा मौका होता है. ऐसे में आने वाले दिनों में कई सारी प्रॉपर्टी अच्छे प्राइस में मिल सकती हैं. प्रॉपर्टी मार्केट के बारे में पढ़ते रहे, पकड़ बनाए रखें. अच्छी डील मिलने पर घर खरीदने के बारे में भी सोचा जा सकता है. लेकिन फैसला संभलकर करना होगा.
इंडस्ट्री के काम करने का स्टाइल भी बदलेगा
कोरोना वायरस के बाद जिस तरह की स्थितियां बनी से उसमें घर बेचने की प्रक्रिया में तेजी से बदलाव देखने को मिलेगा. कंपनियां घरों की डिजिटिल मार्केटिंग बढ़ाएंगे. वर्चुअल टूल से घर देखने और खरीदने का चलन बढ़ सकता है. लेकिन प्रॉपर्टी एक्सपर्ट प्रदीप गुप्ता बताते हैं ऐसे स्थिति में घर खरीदारों को हमेशा साइट पर जाकर घर देखकर ही डील फाइनल करना चाहिए. सोशल मीडिया, इंटरनेट वगैरह से आप रिव्यू पढ़ें, कंपनी की अच्छी स्डटी करें लेकिन घर बिना देखे खरीदें नहीं.
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