आयकर विभाग के सॉफ्टवेयर की खामियों के कारण करदाताओं को 2020-21 का ITR (Income Tax Return) भरते समय अतिरिक्त कर और लेट फीस देनी पड़ती थी. विभाग का कहना है कि जिन करदाताओं को ऐसा करना पड़ता था उनके पैसे अब वापस किए जाएंगे.
पिछले वित्तीय वर्ष के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि इस साल 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है. हालांकि, कुछ करदाताओं की शिकायत है कि 31 जुलाई 2021 के बाद आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय ब्याज और विलंब शुल्क लिया गया था.
सॉफ्टवेयर में किया गया सुधार
आयकर विभाग ने कहा कि ब्याज की गलत गणना के कारण हुई गलती को दूर करने के लिए 1 अगस्त को ही सॉफ्टवेयर में सुधार किया गया था. विभाग के द्वारा करदाताओं को आईटीआर सॉफ्टवेयर के नए वर्जन का उपयोग करने या ऑनलाइन फाइल करने की सलाह दी गई है.
विभाग के ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई कि यदि किसी भी तरह से कोई विलंब शुल्क और अतिरिक्त कर के साथ आईटीआर जमा कर दिया है तो उसके पैसे वापस कर दिए जाएंगे.
इस सप्ताह की शुरुआत में, कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट ने कहा कि यूजर्स ने पहले दिन से ही वेबसाइट पर तकनीकी खामियों की शिकायत की है, और एक सप्ताह के बाद भी सब कुछ ठीक नहीं किया गया है. करदाता पिछली बार ई-फाइल किए गए रिटर्न को देखने में असमर्थ हैं और कई फंक्शनों में लोडिंग लिखकर आ रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले दिनों नए रिटर्न फाइलिंग सॉफ्टवेयर से संबंधित कमियों का मुद्दा उठाया था. नए सॉफ्टवेयर के लॉन्च के तुरंत बाद, वित्त मंत्री ने कहा कि बहुप्रतीक्षित E-Filing Portal 2.0 लॉन्च किया जा चुका है. उन्होंने खामियों का जिक्र करते हुए Infosys और कंपनी के Co-founder Nandan Nilekani को टैग करते हुए ट्वीट किया था.
वित्तंमंत्री के ट्वीट का जवाब देते हुए Nandan Nilekani ने लिखा कि कंपनी खामियों को दूर करने का प्रयास कर रही है.
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