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ITR फॉर्म 2, 3, 5, 6, 7 फाइल करने से पहले जान लें ये नियम

Income Tax Return: ITR 3 उन व्यक्तियों व HUFs के लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए प्रॉफिट से आय होती है. 

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Income Tax Return: सरकार ने करदाताओं की मदद करने और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए ITR फॉर्म्स को लेकर संशोधित निर्देश जारी किए हैं. ये संशोधित निर्देश आईटीआर फॉर्म 2, 3, 5, 6 और 7 के लिए हैं. हम आपको डिटेल में संशोधित निर्देश बता रहें कौन सा फॉर्म किस करदाता को भरना होता है.

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ITR 2

योग्यता - एक व्यक्ति या एचयूएफ के लिए आईटीआर -1 दायर करने के योग्य नहीं जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं है.

ITR 3

यह उन व्यक्तियों व HUFs के लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए प्रॉफिट से आय होती है लेकिन ITR 1, 2 और 4 भरने के लिए योग्य नहीं हैं.

ऐसे करें फाइलिंग: ऐसा असेसी, जिसके खाते आयकर कानून के सेक्शन 44AB के तहत ऑडिट होने हैं, उसके लिए डिजिटली साइन किया हुआ रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है. ऐसा असेसी जिसे सेक्शन 10AA, 44AB, 44DA, 50B, 80-IA, 80-IB, 80-IC, 80-ID, 80JJA, 80LA, 92E, 115JB या 115JC के तहत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, उसे ITR फाइलिंग की तारीख को या उससे पहले ऑडिट रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिकली प्रस्तुत करना होगा.

ITR 5

व्यक्ति और HUF (ITR-1 से लेकर ITR 4 तक भरने वाले), कंपनी (ITR-6 भरने वाली) या चैरिटेबल ट्रस्ट/इंस्टीट्यूशंस (ITR-7 भरने वाले) से अलग टैक्सपेयर्स के लिए है. यानी ITR 5, ITR-4 के लिए योग्य पार्टनरशिप फर्म्स से अलग पार्टनरशिप फर्म्स के लिए, LLPs, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडीविजुअल्स, आर्टिफीशियल ज्यूरीडीशियल पर्सन, लोकल अथॉरिटी, कोऑपरेटिव सोसायटी, सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर सोसायटी, मृत व्यक्ति की एस्टेट, दिवालिया व्यक्ति की एस्टेट, बिजनेस ट्रस्ट, इन्वेस्टमेंट फंड आदि ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनके लिए कोई और फॉर्म लागू नहीं होता है. सेक्शन 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत ITR फाइल करने वाले व्यक्ति ITR-5 नहीं भर सकते.

ऐसे करें फाइलिंग: ऐसा असेसी, जिसके खाते आयकर कानून के सेक्शन 44AB के तहत ऑडिट होने हैं, उसके लिए डिजिटली साइन किया हुआ रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है. ऐसा असेसी जिसे सेक्शन 10AA, 44AB, 44DA, 50B, 80-IA, 80-IB, 80-IC, 80-ID, 80JJA, 80LA(1), 80LA(1A), 92E, 115JB या 115JC के तहत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, उसे आईटीआर फाइलिंग की तारीख को या उससे पहले ऑडिट रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिकली प्रस्तुत करना होगा.

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ITR 6

आयकर कानूनू के सेक्शन 11 के तहत एग्जेंप्शन क्लेम करने वाली कंपनियों से अलग कंपनियों के लिए यह फॉर्म है. इसे सेक्शन 2(17) के अनुरूप कंपनियां भर सकती हैं. इसे वे कंपनियां भरती हैं, जो ITR 7 फॉर्म भरने वाली कंपनियों से अलग हैं.

ऐसे करें फाइलिंग व वेरिफिकेशन: रिटर्न को ई-फा
इलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.in पर इलेक्ट्रॉनिकली फाइल किया जा सकता है और केवल डिजिटल सिग्नेचर के जरिए वेरिफाई किया जा सकता है.

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ITR 7

कंपनियों समेत उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें केवल सेक्शन 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत रिटर्न प्रस्तुत करने की जरूरत है. जिन लोगों की आय आयकर कानून के सेक्शन 10 के तहत छूट प्राप्त है और जिन्हें अनिवार्य रूप से ITR भरने की जरूरत नहीं है, वे इस फॉर्म का इस्तेमाल रिटर्न फाइलिंग के लिए कर सकते हैं. जैसे सेक्शन 10(20) के तहत लोकल अथॉरिटी, सेक्शन 10 (23AA) के तहत केन्द्र की सशस्त्र सेनाओं द्वारा स्थापित रेजिमेंटल फंड या नॉन पब्लिक फंड आदि.

ऐसे करें फाइलिंग: राजनीतिक पार्टी के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर रिटर्न प्रस्तुत करना अनिवार्य है. ऐसा असेसी जिसे सेक्शंस 10(23C)(iv), 10(23C)(v), 10(23C)(vi), 10(23)(via), 12A(1)(b), 92E के तहत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, उसके लिए ITR फाइलिंग की तारीख को या उससे पहले रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिकली प्रस्तुत करना अनिवार्य है. फॉर्म 10B/10BB में ऑडिट रिपोर्ट को सेक्शन 139 के तहत ITR फाइलिंग की ड्यू डेट से कम से कम 1 माह पहले ईफाइल करना होगा.

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