वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही (Q2 FY22) में भारत की वास्तविक जीडीपी (GDP) में पिछले वर्ष के इसी अंतराल की अपेक्षा 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. भारतीय अर्थव्यवस्था में उत्पादन वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही (पूर्व- कोविड महामारी) के स्तर तक पहुंच गया है. यह जानकारी वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने नवंबर के लिए अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में दी है.
"भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जिन्होंने कोविड -19 के दौरान (वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी, चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2021-22 की पहली, दूसरी तिमाही) लगातार चार तिमाहियों में वृद्धि दर्ज की है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को दर्शाता है"मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट
आधिकारिक डेटा के अनुसार, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में 22 हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर (एचएफआई) में से 19 ने 2019 के इसी महीनों की तुलना में अपने पूर्व-महामारी के स्तर को पार कर लिया है.
"भारत ने न केवल Q2 के अपने पूर्व-महामारी उत्पादन के स्तर को पाया है, बल्कि पूरे वर्ष के लिए ऐसा करने की उम्मीद है"मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट
नवंबर के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा से पता चलता है कि देश में निवेश चक्र शुरू हो गया है.
"रिकवरी निवेश चक्र की किक-स्टार्टिंग का सुझाव देती है, जो वैक्सीनेशन कवरेज और विकास के मैक्रो- माइक्रो पक्ष को सक्रिय करने वाले कुशल आर्थिक प्रबंधन द्वारा समर्थित है."
कृषि क्षेत्र से भारत की अर्थव्यवस्था को बल - रिपोर्ट
कृषि क्षेत्र वह आधार रहा है जिस पर वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में अर्थव्यवस्था के संकुचन को कम किया गया और वित्त वर्ष 2021-22 में रिकवरी में तेजी आई. रिपोर्ट में कहा गया है कि बुवाई में अच्छी प्रगति और पानी की उपलब्धता ने समृद्ध फसल और बढ़ते उत्पादन को सुनिश्चित किया, 2021-22 में एमएसपी में वृद्धि और चावल की खरीद में प्रगति ने ग्रामीण आय में वृद्धि की.
कोयला-सीमेंट और प्राकृतिक गैस दोनों में वृद्धि के साथ आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक में पिछले वर्ष के स्तर की तुलना में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) ने अक्टूबर 2021 में बुनियादी ढांचे और मध्यवर्ती वस्तुओं में वृद्धि के कारण निरंतर सुधार देखा. पीएमआई विनिर्माण अक्टूबर में 55.9 से बढ़कर नवंबर में 57.6 हो गया और नवंबर में पीएमआई सेवाएं 58 से ऊपर रहीं.
वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह न केवल Q2 की जीडीपी वृद्धि को दर्शाता है बल्कि घरेलू बाजार और वैश्विक मांग में "मजबूती" को भी सामने लाता है.
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