भारत सरकार की तरफ से वित्त वर्ष 2020-21 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी किए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में 4% की ग्रोथ के मुकाबले, वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ -7.3% रही है. केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2021 में जनवरी से मार्च तक की तिमाही में जीडीपी की कुल ग्रोथ 1.6% रही.
वहीं राजकोषीय घाटा पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा रहा है. वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का कुल 9.93 प्रतिशत रहा.
कोरोना की दूसरी लहर का भी दिखेगा असर?
जीडीपी के इन आंकड़ों ने बताया है कि कोरोना ने कैसे पहले से ही नीचे गिर रही अर्थव्यवस्था को और ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि ये आंकड़ा अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक का है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई में कहर दिखाया था. इसीलिए दूसरी लहर का भी असर आगे देखने को मिल सकता है.
बता दें कि इससे पहले ही तमाम एजेंसियों और खुद सरकार की तरफ से जीडीपी में भारी गिरावट का अनुमान लगाया गया था. फरवरी में केंद्र सरकार की तरफ से लगाए गए अनुमान में बताया गया था कि, जीडीपी में 8 फीसदी तक गिरावट दर्ज की जा सकती है. जबकि रेटिंग एजेंसी ICRA ने जीडीपी का सटीक अनुमान लगाते हुए कहा था कि 2020-21 में 7.3 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)