भारत व्यापार करना आसान नहीं है. ऐसा हम नहीं बल्कि वर्ल्डबैंक की एक रिपोर्ट कह रही है. ताजा जारी रिपोर्ट में भारत को 130वां स्थान हासिल हुआ है. इस रिपोर्ट के बाद मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को झटका लग सकता है. पिछले साल भारत 131वें पायदान पर था.
वर्ल्ड बैंक की इस 'डूइंग बिजनेस 2017' की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश ने कंसट्रक्शन परमिट, लोन लेने और अन्य मानदंडों के संदर्भ में नाममात्र या कोई सुधार नहीं किया है.
भारत की स्थिति में पिछले साल के मुकाबले कोई सुधार नहीं हुआ है. विभिन्न मानदंडों के आधार पर भारत 190 देशों में 130वें पायदान पर है. हालांकि पिछले साल की रैंकिंग के मुकाबले एक अंक का सुधार हुआ है. पिछले साल यह रैंकिंग 131 थी.वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट
सरकार रिपोर्ट से सहमत नहीं
सरकार व्यापार को आसान बनाने के लिये लगातार प्रयास कर रही है और उसका लक्ष्य देश को शीर्ष 50 में लाना है. लेकिन वर्ल्ड बैंक के सूचकांक में रैंकिंग में कोई सुधार नहीं होने को लेकर भारत सरकार ने निराशा व्यक्त की और कहा कि रिपोर्ट में उन 12 प्रमुख सुधारों पर विचार नहीं किया गया जिसपर सरकार काम कर रही है.
हमने देखा है कि सरकार की तरफ से व्यापार सुधार की दिशा में काफी प्रयास किये जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि हमें एक-दो साल और इंतजार करना होगा. लेकिन बदलाव की दिशा मूल रूप से काफी महत्वपूर्ण है.अगस्तो लोपेज क्लारोस, ग्लोबल इंडिकेटर्स समूह निदेशक
रैंकिंग 10 मापदंडों पर आधारित है
- व्यापार शुरु करना
- निर्माण परमिट हासिल करना
- बिजली प्राप्त करना
- संपत्ति का पंजीकरण
- लोन लेना
- अल्पांश निवेशकों का संरक्षण
- कर का भुगतान
- सीमा पार कारोबार
- अनुबंधों को लागू करना
- शोधन अक्षमता का समाधान
वर्ल्ड बैंक की डूइंग बिजनेस 2017 की लिस्ट में न्यूजीलैंड पहले स्थान पर जबकि सिंगापुर दूसरे पायदान पर है. उसके बाद क्रमश: डेनमार्क, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, नार्वे, ब्रिटेन, अमेरिका, स्वीडन तथा पूर्व यूगोस्लाव मैसिडोनिया गणराज्य का स्थान है. वहीं लिस्ट में पाकिस्तान 144वें स्थान पर है.
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