कोरोनोवायरस के बढ़ते के मामले का आसर बाजार पर भी पड़ रहा है. जिसका असर अब रुपए पर भी नजर आया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोनावायरस को वैश्विक महामारी घोषित किए जाने के बाद शुक्रवार को को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अबतक के अपने के निचले स्तर पर पहुंच गया.
डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 18 पैसे की कमजोरी के साथ 74.40 के स्तर पर खुला. हालांकि थोड़ी देर बाद ही रुपया और गिरा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड 74.50 के निचले स्तर पर पहुंच गया.
ब्लूमबर्ग क्विंट के मुताबिक रुपया 0.4 प्रतिशत घटकर 74.50 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. इससे पहले अक्टूबर 2018 में रुपये ने गिरने के मामले में अपना रिकॉर्ड कायम किया था, जब यह 74.48 के स्तर तक पहुंच गया था.
हालांकि बाजार की हालत में सुधार के साथ ही रुपये ने कुछ हद तक वापसी की और यह 74.14/$ के स्तर तक पहुंचा. बता दें कि पिछले कारोबारी दिन गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 59 पैसे टूटकर 74.22 के स्तर पर बंद हुआ था.
बाजार में भी गिरावट
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर मार्केट पर एक बार फिर कोरोनावायरस का कहर टूट पड़ा. बाजार खुलते ही धराशायी हो गया. सुबह 9.15 मिनट पर जब भारतीय शेयर बाजार खुला तब सेंसेक्स में 7.6 फीसदी मतलब करीब 2400 प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई और थोड़ी ही देर में यह गिरावट 3000 प्वाइंट पर पहुंच गई. वहीं निफ्टी 8 फीसदी टूट गया. जिसके बाद ट्रेडिंग रोकनी पड़ी. निफ्टी पर ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी गई थी.
बता दें कि शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे ज्यादा की गिरावट आती है, तो उसमें लोअर सर्किट लग जाता है और ट्रेडिंग कुछ देर के लिए रोक दी जाती है.
निफ्टी में 3 साल की सबसे ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसी गिरावट फरवरी 2017 में देखने को मिली थी. वहीं सेंसेक्स भी 3 साल के निचले स्तर पर लूढ़क गया है.
तेल की कीमत में आई कमी
विश्व के अलग-अलग देशों में कोरोनावायरस संक्रमण फैलने के बाद बढ़ी आशंकाओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है. इसकी वजह से भारतीय मुद्रा भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई है. ब्रेंट क्रूड फिलहाल 34 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)