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चीन विरोध का शोर, लेकिन भारत में चीनी स्मार्टफोन की बिक्री पुरजोर

2020 में भी चीनी कंपनियों भारतीय बाजार में अपना मार्केट शेयर बढ़ाकर 66.4% कर लिया है

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चीन (China) के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा तो चीनी उत्पादों के विरोध की आवाज बुलंद होती दिखाई दी. सोशल मीडिया से सड़कों तक चीनी सामान का बहिष्कार किया गया. लेकिन आज के दौर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तू यानि की स्मार्टफोन (Smartphone) सेगमेंट की बात करें तो यहां पर चीनी कंपनियों का दबदबा साफ दिखाई देता है. और तो और इस साल मतलब 2020 में भी चीनी कंपनियों भारतीय बाजार में अपना मार्केट शेयर बढ़ाकर 66.4% कर लिया है, वहीं ये मार्केट शेयर पिछले साल 60.9% था.

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2020 में भी चीनी कंपनियों भारतीय बाजार में अपना मार्केट शेयर बढ़ाकर 66.4% कर लिया है
अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक मोबाइल फोन सेगमेंट में टॉप की पांच कंपनियों में से 4 कंपनियां चीनी हैं. मार्केट शेयर के मामले में पहले स्थान पर चीनी कंपनी शाओमी मौजूद है. शाओमी सस्ती कीमतों पर अच्छे और टिकाऊ फोन बेचने के लिए जानी जाती है. एडवाइजरी सर्विस देने वाली फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन के डेटा के मुताबिक शाओमी की मार्केट में अकेले ही करीब 30% की हिस्सेदारी है.

टॉप 5 में से 4 कंपनियां चीनी

इसके बाद दूसरे पायदान पर आती है साउथ कोरियन कंपनी सैमसंग जिसकी करीब 26% की हिस्सेदारी है. इसके बाद तीसरे, चौथे और पांचवे पायदान पर फिर से तीन चीनी कंपनियां वीवो, रियलमी और ओपो नजर आती हैं. इनका मार्केट शेयर भी 9 से लेकर 15% के बीच है

रियलमी और वीवो ने बढ़ाया मार्केट शेयर

अगर साल 2019 और 2020 की तुलना करके देखें तो शाओमी ने अपना मार्केट शेयर बढ़ाया है. वीवो ने करीब 2% मार्केट शेयर में इजाफा किया है. वहीं रियलमी ने भी मार्केट शेयर में करीब 2% का इजाफा किया है. हालांकि ओपो का मार्केट शेयर स्थिर रहा है. लेकिन 2019 में अन्य मोबाइल फोन का जो हिस्सा 13.9% हुआ करता था वो अब घटकर सीधे घटकर 7.3% हो गया है.


हालांकि बीती तिमाही में चीनी कंपनियों के मार्केट शेयर में गिरावट आई है लेकिन एनालिस्ट्स का मानना है ऐसा डिमांड में आने वाली कमी की वजह हुआ है और अभी तक इन चीनीं कंपनियों के कारोबार के लिए कोई खतरा नहीं देखा जा रहा.

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