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Income Tax विभाग ने 1 लाख लोगों को क्यों जारी किया नोटिस? आप भी हो जाएं सावधान

इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े हो रहे फर्जीवाड़े पर कसेगी नकेल?

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ITR भरने के बाद भी कई लोगों को अब तक रिफंड क्यों नहीं मिला है? रिफंड (Income Tax Return) में देरी क्यों हो रही है? इनकम टैक्स भरने वाले लोग कम क्यों हो रहे हैं और इनकम टैक्स विभाग ने देश के 1 लाख लोगों को नोटिस क्यों जारी किया है. आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं या नहीं भी करते हैं तो भी इस वीडियो को जरूर देखें. हम आपको इनकम टैक्स से जुड़े कुछ बड़े फैक्ट्स भी बताएंगे.

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इनकम टैक्स से जुड़े कुछ फैक्ट्स

  • ITR फाइल करने वालों में अधिकतर लोगों की देनदारी नहीं बनती

  • पिछले 4 सालों में टैक्स देने वालों में 37 पर्सेंट की कमी आई है

  • वित्त वर्ष 2021-22 में 7 करोड़ 40 लाख लोगों ने ITR फाइल किया था

  • इनमें से 5 करोड़ 16 लाख लोगों पर कोई टैक्स नहीं लगा था

  • केवल 2 करोड़ 24 लाख लोगों ने ही टैक्स भरा था

  • वित्त वर्ष 2019-20 में 6 करोड़ 37 लाख लोगों ने ITR फाइल किया था

  • तब 2 करोड़ 90 लाख लोगों को टैक्स नहीं लगा था

  • उस समय 3 करोड़ 57 लाख ने टैक्स दिया था, यानी टैक्स भरने वाले ज्यादा थे

  • भारत में महाराष्ट्र और गुजरात के लोग सबसे ज्यादा ITR भरते हैं फिर नंबर आता है यूपी,

    राजस्थान, तमिल नाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली और फिर पंजाब

  • वित्त वर्ष 2022-23 में साढ़े 16 लाख करोड़ का टैक्स कलेक्शन हुआ था जो पिछली बार के मुताबिक 17% ज्यादा है

इस साल कितना ITR भरा गया ये बाद में पता चलेगा और फिर टैक्स भरने वालों की संख्या में कमी आई है या नहीं ये भी बाद में पता चलेगा. लेकिन ITR ज्यादा से ज्यादा भरा जा रहा है.

क्यों हो रही टैक्स भरने वालों की संख्या में गिरावट?

टैक्स भरने वालों की संख्या में गिरावट क्या बताती है? क्योंकि 37% की गिरावट हुई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैक्स देने वालों की संख्या में कमी आई है. और ये कमी कोरोना महामारी के बाद देखने को मिली है. इससे पता चलता है कि कोरोना की मार लोगों की इनकम पर पड़ी है और ये भी माना जा रहा है कि रोजगार भी प्रभावित हुआ है.

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ITR तो भर दिया लेकिन रिफंड में देरी क्यों?

31 जुलाई तक 6.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने ITR फाइल किया है. इनमें से 50% से ज्यादा के रिटर्न की जांच भी हो चुकी है और 80 लाख से ज्यादा के रिफंड भी जारी कर दिए गए हैं.

लेकिन कई लोगों को अब तक रिटर्न नहीं मिला है. इसकी क्या वजह है?

इस बार रिफंड में देरी की वजह इनकम टैक्स विभाग में हर स्तर पर कार्यबल की कमी को बताया जा रहा है. यानी आयकर विभाग में स्टाफ की भारी कमी है, इससे रिटर्न के जांच और रिफंड की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है.
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आयकर विभाग ने 1 लाख लोगों को नोटिस क्यों जारी किया?

आयकर विभाग ने एक लाख लोगों को नोटिस जारी किया है. ये एक लाख लोग सैलेरीड लोग हैं. ये नोटिस इसलिए भेजा गया है क्योंकि:

  • इन एक लाख लोगों के ITR में गड़बड़ी पाई गई है

  • कहीं जानकारी मिसमैच है

  • किसी ने फर्जी दस्तावेज लगाए

  • कई लोगों ने तो ITR ही फाइल नहीं किया है

मुख्य रूप से ये नोटिस किराए भरने को लेकर और होम लोन का इंट्रेस्ट पे करने के मामले में जारी किया गया है. अब ध्यान से समझिए कि इन 1 लाख लोगों से गड़बड़ी क्या हुई है.

दरअसल सैलेरीड लोगों को किराए पर इनकम टैक्स की छूट मिलती है. लेकिन ये लोग अपने रिटर्न में किराए की फर्जी रसीद लगा रहे हैं. और इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी लग गई है कि जो दस्तावेज रिटर्न में लगाए गए वो ओथेंटिंक नहीं है. अब तक तो जो जांच होती थी वो मैन्युअली होती थी लेकिन अब जमाना टेक्नॉलजी का है.

हो ये रहा है कि मान लीजीए की एक्स ने जो वाय को किराया दिया है उसकी एंट्री एक्स ने वाय के नाम से रसीद बनाकर अपने रिटर्न में कर ली है. लेकिन वाय भी इनकम टैक्स जमा करता है और उसने किराए से होने वाली इनकम दिखाई ही नहीं क्योंकि वास्तव में तो उसे किराया मिला ही नहीं है. ऐसे इनकम टैक्स विभाग इन चोरियों को पड़क रहा है.

हो सकता है कि कुछ लोग अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के नाम से ऐसी फर्जी रसीद बना लेते हैं. यही नहीं आयकर विभाग को पैन कार्ड से भी जानकारी मिल जाती है. एक पैन से दूसरे पैन में क्या ट्रांसेक्शन हुआ है, ये डेटा आयकर विभाग के पास होता है.

ये एक लाख लोग वे हैं जिनकी इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है. इन लोगों के पिछले 6 साल के रिटर्न की जांच हुई है, ये उसका रिअसिस्मेंट है, जो रिटर्न फाइल किए गए हैं.

ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, ऐसा पहली बार इसलिए हो पा रहा है क्योंकि अब आयकर विभाग के पास एक बड़ा डेटाबेस बन चुका है.

ध्यान रहे, खबर ये भी है कि आगे चलकर जांच का दायरा बढ़ाया जा सकता है. फिलहाल 50 लाख से ज्यादा की इनकम वालों की जांच हुई है आगे चलकर 25 लाख से ज्यादा वाले भी जांच के दायरे में शामिल हो सकते हैं.

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