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ITR Verification: आईटीआर वेरिफाय करने की समय सीमा 120 दिन से घटाकर 30 दिन की गई

E-Verification के बाद ही आईटीआर को मान्यता मिलती है, ऐसे ना होने पर आईटीआर अमान्य हो जाता है.

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इनकम टैक्स (Income Tax) विभाग ने आईटीआर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन (E-Verification) या वेरिफिकेशन के लिए भेजी जाने वाली हार्ड कॉपी जमा करने की समय सीमा को घटा कर 30 दिन कर दिया. पहले आईटीआर वेरिफिकेशन के लिए 120 दिन दिए जाते थे लेकिन अब 30 दिनों के अंदर ही आईटीआर को वेरिफाई करवाना होगा. यह नियम 1 अगस्त से शुरू हो चुका है.

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इस नए नियम को लेकर आयकर विभाग ने 29 जुलाई को अधिसूचना जारी कर दी थी.

ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के बाद ही आईटीआर को मान्यता मिलती है, अगर रिटर्न वेरिफाइड नहीं है तो ऐसे मामले में आईटीआर अमान्य हो जाता है.

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि अगर जो रिटर्न के वेरिफिकेशन की हार्ड कॉपी पोस्ट (डाक) के जरिए भेज रहे हैं उन्हें भी 30 दिन के अंदर भेजना होगा, ऐसा ना होने पर रिटर्न को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

जो लोग ITR वेरिफिकेशन की हार्ड कॉपी में भेजना चाहते हैं, वे इसे "केवल स्पीड पोस्ट" के माध्यम से ही भेजें और सामान्य पते पर- सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, बैंगलुरु, 560500, कर्नाटक.

इसके अलावा समय सीमा के बाद कोई आईटीआर फाइल करता है तो वो बीलेटेड आईटीआर कहलाएगा, और बीलेटेड आईटीआर को फाइल करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2022 है.

सीए तरुण कुमार कहते हैं कि, बीलेटेड आईटीआर फाइल करने के साथ जुर्माना भी भरना होता है. यह जुर्माना आईटीआर फाइल करने वाले की आय पर आधारित होता है. अगर आय 5 लाख से कम है तो ऐसे मामले में जुर्माना 1000 रुपए होगा जबकि 5 लाख से ज्यादा आय वालों को 5000 रुपए का जुर्माना देना होगा.

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