पिछले साल सितंबर में रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड मार्केट में उतरी. कंपनी के लगातार फ्री ऑफर्स से टेलीकॉम मार्केट में टैरिफ वॉर शुरू हो गया. लेकिन अब भी रिलायंस जियो को खुद को प्रॉफिटेबल कंपनी बनाने के लिए बहुत कुछ करना है.
CLSA के मुताबिक, कंपनी को एक प्रॉफिटेबल कंपनी बनने के लिए अपने सब्सक्राइबर्स को जोड़े रखना होगा.
इसके लिए फिलहाल, जियो को 11 करोड़ एक्टिव सब्सक्राइबर्स चाहिए, जो हर महीने औसतन 300 रुपये दे सकें.
ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, जियो के पास अप्रैल तक 11 करोड़ यूजर्स थे, जिसमें से सिर्फ 71.2 फीसदी ही एक्टिव थे. ये संख्या जियो के मार्केट में आने के बाद से अब तक की सबसे कम है. जब कंपनी शुरू हुई थी, तब इसके 95 फीसदी सब्सक्राइबर एक्टिव थे.
कंपनी के इन्वेस्टमेंट पर एक नजर
जियो ने शुरुआती 6 महीने में कस्टमर्स को फ्री ऑफर्स दिए, जिसके बाद टेलीकॉम मार्केट में टैरिफ वार शुरू हो गया था. रिलायंस जियो ने 4जी डाटा को कम से कम दाम में यूजर्स को देने के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी इंवेस्ट किया.
मार्च के अंत तक कंपनी ने 1.9 लाख करोड़ तक का निवेश किया, इसके साथ ही वो इस टेलीकॉम सेक्टर की दूसरी सबसे बड़ी इन्वेस्टर बन गई.
वहीं मार्च के अंत तक कंपनी ने कुल 21 हजार करोड़ खर्च किए, जिसमें से 14 हजार करोड़ तो ऑपरेशनल खर्च था. इस खर्च की तुलना भारती एयरटेल और आइडिया से नहीं की जा सकती, क्योंकि जियो की शुरुआत सितंबर में हुई थी. उसे इंफ्रास्ट्रक्चर में पैसे लगाने थे, वहीं भारती एयरटेल और आइडिया सेल्युलर पहले से ही ऑपरेशनल थी.
ऐसे में कंपनी को अभी भी प्रॉफिटेबल बनने और एक्टिव सब्सक्राइबर्स बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ सकती है.
टाटा-भारती की DTH मार्केट के लिए तैयारी
1 साल से कम समय में ही रिलायंस जियो ने दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को काफी 'नुकसान' पहुंचाया है. जाहिर है कि अब दूसरी कंपनियां भी जियो के हर कदम पर नजर रख रही हैं.
इकनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारती एंटरप्राइजेज और टाटा ग्रुप ने DTH, ओवरसीज केबल और टेलीकॉम कारोबार में साझेदारी के लिए शुरुआती बातचीत की है.
दोनों कंपनियां अपने-अपने मालिकाना हक वाली टाटा टेलीसर्विसेज और भारती एयरटेल की DTH कारोबार के विलय को लेकर सौदा कर सकती हैं. इस साझेदारी का प्रमुख कारण रिलायंस जियो की DTH सेक्टर में एंट्री मानी जा रही है.
बता दें कि इससे पहले भी भारती एंटरप्राइजेज और टाटा ग्रुप ने टेलीकॉम कारोबार में साझेदारी की कोशिश की थी. ये डील पूरी नहीं हो सकी, लेकिन इस बार करार होने की संभावना ज्यादा है.
भारती-टाटा के साथ आने से ये जोड़ी डिश टीवी-वीडियोकॉन को पीछे छोड़ते हुए DTH स्पेस में सबसे बड़ी प्लेयर बन जाएगी. फिलहाल, टाटा स्काई के पास 23% और एयरटेल के पास 21% का सबस्क्राइबर मार्केट शेयर है, ऐसे में दोनों कंपनियां मिलकर संभावित कंपनी रिलायंस जियो और डिश टीवी-वीडियोकॉन को टक्कर दे सकती है.
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