कोरोना वायरस संकट की दूसरी लहर का इकनॉमी पर असर अब उभर के दिख रहा है. वित्त मंत्रालय के ताजा डेटा के मुताबिक जून 2021 में जीएसटी कलेक्शन गिरकर 92,849 करोड़ रुपये पर आ गया है. 9 महीने में ये पहली बार है जब जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ से नीचे आया है.
इसके पहले सितंबर 2020 में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ से नीचे गिरा था. तब कुल जीएसटी कलेक्शन 95,480 करोड़ रुपये था. जून 2021 का जीएसटी कलेक्शन मई 2021 में हुए कारोबार के आधार पर वसूला गया है.
कोरोना प्रतिबंधों का कलेक्शन पर असर
मई ही वो महीना था जब देश के ज्यादातर राज्यों की सरकारों ने कोरोना वायरस संकट की दूसरी लहर के संक्रमण को रोकने के लिए सख्त कोरोना प्रतिबंध लगाए थे. इन प्रतिबंधों की वजह से कारोबार पर विपरीत असर पड़ा था. कई सारे इलाकों में करीब 2 महीने तक दुकानें और बाजार बंद रहे थे.
अप्रैल के मुकाबले मई में ई-वे बिल 30% घटे
मई 2021 का ई-वे बिल डेटा बताता है कि इस महीने में 3.99 करोड़ ई-वे बिल जनरेट किए गए, वहीं अप्रैल महीने में 5.88 करोड़ ई-वे बिल जनरेट हुए थे. साफ है कि माल की ढुलाई में ही करीब 30% की कमी देखी गई है.
जून में सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन 16,424 करोड़ रुपये रहा, स्टेट जीएसटी 20,397 करोड़ और इंटीग्रेटेड जीएसटी 49,079 रुपये जमा किया गया. वहीं सेस 6,949 करोड़ रुपये इकट्ठा हुआ.
ICRA की चीफ इकनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि- 'भले ही जीएसटी कलेक्शन गिरकर 10 महीने के निचले स्तरों पर आ गया. फिर भी जून 2021 के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों से सकारात्मक आश्चर्य हुआ है. Q1 FY2022 में जीएसटी कलेक्शन कोविड के पहले वाले दौर Q1 FY2020 से ज्यादा है. इससे केंद्र और राज्य सरकारों के पास खर्च करने के लिए पैसे होंगे.'
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