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मिलेनियल्स कैसे बनें मिलियनेयर?

जानिए- कहां करें इन्वेस्ट, जो रिटायरमेंट तक बना दे मिलियनेयर

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मिलेनियल्स यानी वो युवा जो 1980 से 1995 के बीच पैदा हुए हैं, नई सोच के हैं, चीजों को नए तरीके से करना पसंद करते हैं, और सबसे खास बात कि वो इंटरनेट और स्मार्टफोन की दुनिया में पले-बढ़े हैं और उन्हें अच्छी तरह से समझते हैं. मॉर्गन स्टैनली इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2016 के अंत तक 18 से 36 साल की उम्र के 40 करोड़ से ज्यादा युवा थे, और युवाओं की इतनी बड़ी तादाद दुनिया के किसी भी देश में नहीं है. इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 तक ये युवा 33 हजार करोड़ डॉलर खर्च करने की क्षमता हासिल कर लेंगे.

जाहिर है जब इतना खर्च करने की क्षमता है तो निवेश करने की जरूरत भी इन मिलेनियल्स को है. तो अगर आप भी जॉब मार्केट में कदम रख चुके हैं या रखने वाले हैं तो पैसे कमाने के साथ पैसे बढ़ाने की तैयारी तुरंत शुरू कर दीजिए. निवेश के लिए सबसे सही दिन होता है ‘आज’ और सबसे सही समय होता है ‘अभी’. ऐसा इसलिए कि आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करते हैं, ‘पावर ऑफ कंपाउंडिंग’ का फायदा आपको उतना ज्यादा मिलता है. ‘पावर ऑफ कंपाउंडिंग’ को मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने यूं ही ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली ताकत नहीं कहा था.

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पावर ऑफ कंपाउंडिंग

एक उदाहरण से आपके लिए इस बात को समझना आसान हो जाएगा. अगर आप 10 साल तक हर महीने 10,000 रुपए का निवेश करते हैं, और आपका सालाना रिटर्न 12% है तो आपको मिलेंगे करीब 23 लाख रुपए. अगर यही निवेश आप 20 साल तक करते रहते हैं तो आपके पास जमा हो जाएंगे करीब एक करोड़ रुपए. जी हां, और अगर ये निवेश 30 साल तक करते रहें तो आपके पास जमा हो जाएंगे करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए.

जानिए- कहां करें इन्वेस्ट, जो रिटायरमेंट तक बना दे मिलियनेयर
ग्राफिक्स
(फोटोः Quint Hindi)

ये है चक्रवृद्धि ब्याज का जादू या पावर ऑफ कंपाउंडिंग. सिर्फ दस-दस साल के अंतर से जमा राशि कई गुना बढ़ जाती है. तो अगर आप जल्दी शुरुआत करते हैं तो आपके पास अपने निवेश को ज्यादा वक्त देने का मौका रहेगा और ज्यादा रिटर्न कमाने का भी.

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कहां करें निवेश?

अब अगला सवाल आता है कि ये होगा कैसे, मतलब पैसे का निवेश कहां किया जाए. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में करेंगे तो सालाना 6-7% से ज्यादा रिटर्न मिलेगा नहीं. और कंपाउंडिंग की पावर इतने कम ब्याज में आधी से भी कम रह जाएगी.

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ग्राफिक्स
(फोटोः Quint Hindi)
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इक्विटी फंड में निवेश है फायदे का सौदा

ऐसे में उपाय है इक्विटी, जहां आप 12% ही नहीं, इससे भी ज्यादा रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं, हालांकि इस बात में भी कोई शक नहीं कि इक्विटी निवेश के जोखिम एफडी से ज्यादा हैं. लेकिन इक्विटी में ये जोखिम लंबी अवधि के निवेश में कम हो जाता है. और फाइनेंशियल प्लानिंग के सारे जानकार मानते हैं कि अगर आप जल्दी निवेश करना शुरू करते हैं, तो इक्विटी ही बेस्ट इन्वेस्टमेंट है.

इक्विटी में निवेश का मतलब ये नहीं है कि आपको सीधा शेयर बाजार में उतर जाना है और शेयरों की खरीद-फरोख्त में अपना दिमाग लगाना है. आप इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जिनमें आप अपने जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक म्युचुअल फंड स्कीमों का चुनाव कर सकते हैं. बाजार में अलग-अलग निवेशकों की जरूरत पूरा करने के लिए प्योर इक्विटी फंड, बैलैंस्ड फंड, हाइब्रिड फंड, स्मॉल कैप फंड जैसे विकल्प मौजूद हैं. और म्युचुअल फंड में निवेश के लिए सबसे बढ़िया तरीका है एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान.

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और अगर आप इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं तो रिस्क कवर करना भी उतना ही जरूरी है. यानी इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ इंश्योरेंस का ख्याल भी रखें. इंश्योरेंस किसी आकस्मिक दुर्घटना की हालत में आपका और आपके परिवार के लिए एक बड़ा सहारा हो सकती है. इसलिए लाइफ कवर के लिए एक टर्म इंश्योरेंस प्लान जरूर लें. आमतौर पर अपनी सालाना इनकम के 10 से 20 गुना रिस्क कवर का टर्म प्लान लेना बेहतर होता है. इसके अलावा एक फैमिली फ्लोटर हेल्थ प्लान भी जरूर लें, ताकि किसी बीमारी के इलाज में खर्च का सारा बोझ आपके कंधे पर ना आए. इससे आपकी बचत और निवेश की योजनाएं भी नहीं बिगड़ेंगी. यकीन मानिए, एक अनुशासित रवैये के साथ अगर आप निवेश की शुरुआत करते हैं, तो ना सिर्फ अपने सारे वित्तीय लक्ष्य पूरे कर लेंगे, बल्कि दिमागी सुकून भी हासिल कर पाएंगे.

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