सरकार ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) की मांग को पूरा करते हुए उन पर लगाया गया हाई टैक्स सरचार्ज वापस ले लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की.
बता दें, साल 2019-20 के बजट में ऊंची कमाई करने वालों पर ऊंची दर से टैक्स सरचार्ज लगा दिया गया था. इसके बाद एफपीआई भी इस बढ़े हुए सरचार्ज के दायरे में आ गये थे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या ऐलान किए?
सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इक्विटी शेयरों के ट्रांसफर से होने वाले लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म के कैपिटल प्रॉफिट पर सरचार्ज को वापस ले लिया गया है. उन्होंने कहा कि बजट से पहले की स्थिति को फिर कायम कर दिया गया है.
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स पर सरचार्ज वापस
- बजट में FPI पर लगाया गया सरचार्ज वापस लिया गया
- घरेलू निवेशकों पर भी सरचार्ज नहीं लगेगा
- कितना लगाया था सरचार्ज (2 से 5 करोड़ की आमदनी पर टैक्स 15 से बढ़ाकर 25% कर दिया गया था, 5 करोड़ से ज्यादा आमदनी पर 15% टैक्स को बढ़ाकर 37% कर दिया गया था)
- स्टार्टअप से एंजेल टैक्स हटाया गया
- FPI- विदेशी निवेशकों के लिए भी आसान KYC
- भारत के लिए बेहतर बॉन्ड मार्केट की जरूरत की दिशा में काम किया जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कदम पूंजी बाजार में निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया है. बजट में एफपीआई पर सरचार्ज बढ़ाने की घोषणा से शेयर बाजार डगमगा गए थे.
बजट में टॉप इनकम वालों पर सरचार्ज बढ़ाने की घोषणा के बाद दो से पांच करोड़ रुपये की टैक्स योग्य इनकम पर इनकम टैक्स की प्रभावी दर 35.88 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. इसी तरह पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की इनकम पर यह 42.7 प्रतिशत तक पहुंच गई थी.
वित्त मंत्री ने बताया कि इसी महीने पूंजी बाजार के भागीदारों और फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने उन्हें अपनी मांगों के समर्थन में मांग पत्र सौंपा था.
इसमें एफपीआई से सरचार्ज वापस लेने और डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स (डीडीटी) की समीक्षा की मांग की गई थी. सीतारमण ने कहा कि स्टार्टअप्स और उनके इन्वेस्टर्स की दिक्कतों को दूर करने के लिए एंजल टैक्स के प्रावधान को भी वापस लेने का फैसला किया गया है.
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स की समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा.
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