देश में करोड़पतियों की तादाद में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. पिछले चार साल में अलग-अलग कैटेगरी के ऐसे करदाताओं की संख्या 60 फीसदी बढ़कर 1.40 लाख हो गई है, जो अपनी सालाना आय एक करोड़ रुपये से ज्यादा दिखाते हैं.
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने सोमवार को यह जानकारी दी. सीबीडीटी ने पिछले चार साल के इनकम टैक्स और डायरेक्ट टैक्स से संबंधित आंकड़े जारी किए हैं.
सीबीडीटी ने कहा कि एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या पिछले तीन साल में 68 प्रतिशत बढ़ी है. सीबीडीटी ने कहा, ‘‘एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले कुल करदाताओं (कंपनियों, फर्में, हिंदू अविभाजित परिवार) की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.''
सीबीडीटी ने कहा कि आकलन वर्ष 2014-15 में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की आय का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या 88,649 थी. वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 1,40,139 हो गई. यह 60 फीसदी की बढ़ोतरी है.
आयकर विभाग की कोशिशों का नतीजा
इस दौरान एक करोड़ रुपये से ज्यादा की आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 68 प्रतिशत बढ़कर 48,416 से 81,344 पर पहुंच गई. सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्र ने कहा कि ये संख्या पिछले चार साल में इनकम टैक्स विभाग की ओर से किए गए कई कानूनी, सूचनाओं के प्रसार और प्रवर्तन संबंधी कोशिशों का नतीजा है.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों का आंकड़ा भी 80 प्रतिशत बढ़ा है. 2013-14 में यह 3.79 करोड़ था, जो 2017-18 में 6.85 करोड़ हो गया.
(इनपुट: भाषा)
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