ADVERTISEMENTREMOVE AD

Pandora Papers: 380 भारतीयों के 'फाइनेंशियल सीक्रेट' का खुलासा- रिपोर्ट

भारतीय क्रिकेट सुपरस्टार सचिन तेंदुलकर और उनके परिवार के लोगों का नाम भी पेंडोरा पेपर में शामिल है.

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

पनामा पेपर्स लीक (Panama Papers Leak) के बाद अब पेंडोरा पेपर्स लीक सामने आया है. इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा एक जांच, जिसमें द इंडियन एक्सप्रेस सहित 150 मीडिया आउटलेट शामिल हैं, ने दावा किया है कि इस पेंडोरा पेपर्स लीक में दुनिया के करीब 91 देशों के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों का नाम है, जिन्होंने सरकारों की नजर से अपनी संपत्ति को छुपाने और टैक्स से बचने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
पेंडोरा पेपर्स में कम से कम 380 भारतीयों का नाम शामिल है. इनमें से साठ प्रमुख व्यक्तियों और कंपनियों को वेरीफाई किया गया है और उनके दस्तावेजों की पुष्टि की गई है. इन व्यक्तियों में अनिल अंबानी, नीरव मोदी और किरण मजूमदार शॉ शामिल हैं.

विदेश की बात करें तो पेंडोरा पेपर्स में जॉर्डन के राजा, यूक्रेन, केन्या और इक्वाडोर के राष्ट्रपतियों, चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री और पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री टोनी ब्लेयर के डीलिंग को उजागर किया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ये दस्तावेज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के "अनौपचारिक प्रचार मंत्री" और भारत, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और अन्य देशों के 130 से अधिक अरबपतियों की वित्तीय गतिविधियों को भी उजागर करती हैं.

'पेंडोरा पेपर्स' से क्या पता चलता है?

दुनिया भर के 600 पत्रकारों की जांच से पता चला है कि कैसे "मल्टी लेयर ट्रस्ट" के जरिए लगभग दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोग संपत्ति छिपा रहे हैं. पेंडोरा पेपर्स में 11 मिलियन से अधिक लीक हुई फाइलें हैं, जो 29,000 ऑफ-द-शेल्फ कंपनियों और 14 वैश्विक कॉर्पोरेट सेवा फर्मों द्वारा स्थापित निजी ट्रस्टों का खुलासा करती हैं.

'पेंडोरा पेपर्स' के विश्लेषण के अनुसार, इन ट्रस्टों की स्थापना के दो मुख्य कारण हैं:

1. व्यक्तियों के लिए अपनी वास्तविक पहचान छिपाने और ऑफशोर एंटिटी से खुद को दूर करने के लिए, ताकि टैक्स अधिकारियों के लिए उन तक पहुंचना कठिन हो जाए

2. कैश, शेयरहोल्डर, अचल संपत्ति, कला, विमान, नौकाओं और ऐसे दूसरे निवेशों को लेनदारों और कानून प्रवर्तन से बचाना.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किन लोगों का नाम सामने आए

  • अनिल अंबानी, जिन्हें तीन चीनी राज्य-नियंत्रित बैंकों को $700 मिलियन से अधिक का भुगतान करने के लिए कहा गया था, जिसके बाद उन्होंने यूके की एक अदालत में खुद को दिवालिया घोषित किया था. उनके पास 18 संपत्ति रखने वाली ऑफशोर कंपनी हैं.

  • नीरव मोदी- 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के बाद जनवरी 2018 में भारत से भागे नीरव मोदी ने अपनी बहन पूर्वी को ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी, सिंगापुर के माध्यम से गठित एक ट्रस्ट के कॉर्पोरेट रक्षक के रूप में कार्य करने के लिए ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में एक फर्म की स्थापना की थी.

  • रिपोर्ट के अनुसार, बायोकॉन के प्रमोटर किरण मजूमदार शॉ के पति ने एक ऐसे व्यक्ति के साथ एक ट्रस्ट की स्थापना की, जिसे सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए प्रतिबंधित कर दिया है.

भारतीय क्रिकेट सुपरस्टार और राज्यसभा संसद सचिन तेंदुलकर और उनके परिवार के लोगों का नाम भी पेंडोरा पेपर में शामिल है. सचिन का नाम पेंडोरा पेपर्स में ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में एक ऑफशोर कंपनी के मालिक के रूप में भी शामिल हैं, जिसे 2016 में बंद कर दिया गया था.

हालांकि, तेंदुलकर के वकील ने दावा किया है कि तेंदुलकर का निवेश वैध है और टैक्स अधिकारियों को इसकी घोषणा कर दी गई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×