RBI के डेटा में खुलासा हुआ है कि पिछले एक साल में लोगों में अपने पास पैसा रखने की प्रवृत्ति बढ़ी है. कोरोना के बाद पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन का इस प्रवृत्ति को बढ़ाने में योगदान रहा है.
आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त के अंत तक जनता के पास हाथ में 24 फीसदी मुद्रा थी. जबकि एक साल पहले, मतलब अगस्त, 2019 में जनता के पास 12.8 फीसदी मुद्रा थी. कुलमिलाकर एक साल में ही लोगों में अपने हाथ में पैसा रखने की प्रवृत्ति दो लगभग दोगुनी हो गई.
जबकि इस दौरान डिजिटल करंसी की तरफ भी लोगों का ध्यान गया है. 28 अगस्त तक जनता के हाथ में 25.83 ट्रिलियन रुपये थे, जबकि 31 मार्च, 2020 में यह आंकड़ा 23.49 फीसदी था.
बता दें जनवरी 2020 से मई, 2020 के बीच करंसी सर्कुलेशन में 2.66 ट्रिलियन रुपये का इजाफा हो गया, जबकि पूरे 2019 में 2.40 ट्रिलियन करंसी की बढ़ोत्तरी हुई थी.
भारत में कोरोना के आने के बाद 24 मार्च, 2020 को लॉकडाउन लगा दिया गया था. बाद में इंडस्ट्रियल एक्टीविटीज को धीरे-धीरे अनलॉक किया जा रहा है. हालांकि अब भी बड़ी सभाएं करने की अनुमति नहीं है और स्कूल-कॉलेज ज्यादातर जगह बंद चल रहे हैं. इस बीच नए आंकड़ों में अर्थव्यवस्था भी पिछले क्वार्टर में 23 फीसदी से ज्यादा सिकुड़ गई.
इस बीच भारत में कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारत में कुल मामलों की संख्या 4,659,984 हो चुकी है. इनमें से 77,506 लोगों की मौत भी हो चुकी है.
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