पेट्रोल-डीजल के दाम और बढ़ने के आसार हैं. दरअसल देश में बीएस-6 मानक लागू होने के बाद इसके हिसाब से बिकने वाले पेट्रोल-डीजल के लिए रिफाइनिंग संयंत्रों को अपग्रेड करने की जरूरत पड़ेगी. कंपनियां चाहती हैं कि इसकी लागत ग्राहकों से वसूली जाए. कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा कर इस निवेश की भरपाई की योजना बना रही हैं.
पेट्रोल पर डेढ़ रुपये और डीजल पर 80 पैसे चार्ज लगाने की सलाह
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक पेट्रोल रिफाइनिंग कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि इसमें सरकार की मदद की जरूरत होगी. पेट्रोलियम रिफाइनिंग के लिए प्लांट को अपग्रेड करने के लिए जो लागत आएगी उसके लिए पांच साल डीजल पर प्रति लीटर 80 पैसे और पेट्रोल पर 1.50 रुपये का चार्ज लगाना होगा.
खबर के मुताबिक पेट्रोलियम रिफाइनरी कंपनियों ने अपने प्लांट को अपग्रेड करने पर 35 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. कंपनियां चाहेंगी कि इस लागत की वसूली हो सके और इसके लिए पेट्रोल-डीजल पर चार्ज और बढ़ाया जा सकता है.
बाजार कीमत से जुड़ने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत नहीं
देश में लंबे समय तक नियंत्रित रहने के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों को बाजार कीमतों से जोड़ दिया गया है इसलिए इनके दाम घटते-बढ़ते रहते हैं. हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम रहने के बावजूद भारतीय ग्राहकों को इसका फायदा नहीं मिला है. दरअसल पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकारों का टैक्स काफी ज्यादा है. सरकारें इस रेवेन्यू में कटौती नहीं चाहतीं इसलिए ग्राहकों के लिए इनके दाम कम नहीं हो रहे.
हालांकि बढ़ते प्रदूषण की वजह से बीएस-6 मानकों को लागू करने के बाद हाई रिफाइंड पेट्रोल और डीजल की खपत बढ़ जाएगी. मार्केट विश्लेषकों का कहना है कि सरकार इनके दाम ज्यादा रखेगी ताकि और रेवेन्यू आ सके. इससे रिफाइनिंग प्लांट्स के अपग्रेडेशन के लिए पैसा भी आएगा.
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